अनुशासन का अर्थ और महत्व पर निबंध Essay on importence of discipline

अनुशासन का अर्थ और महत्व पर निबंध Essay on importence of discipline 

हैलो दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस लेख अनुशासन का अर्थ और महत्व पर निबंध Essay on meaning and importence of discipline में

दोस्तों इस लेख में आप अनुशासन का अर्थ तथा अनुशासन का महत्व के साथ ही अनुशासन संबंधी अन्य महत्वपूर्ण बातों को जान पाएंगे क्योंकि अनुशासन सभी व्यक्तियों के लिए आवश्यक होता है।

यहाँ तक कि कह सकते हैं, कि अनुशासन ही व्यक्ति के विकास के लिए उत्तरदाई होता है, तो दोस्तों आइए बढ़ते हैं, अनुशासन का अर्थ और अनुशासन पर महत्व क्या है? में

अनुशासन का अर्थ और महत्व पर निबंध

अनुशासन का अर्थ Meaning of discipline 

अनुशासन शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों से मिलकर हुई है। अनु + शासन जिसमें अनु का अर्थ है "पीछे चलना" या अनुसरण करना या पालन करना तथा शासन का अर्थ है

 "नियम" इस प्रकार से अनुशासन का अर्थ हुआ शासन का अनुसरण करना प्रशासन के बताई गई बातों पर चलना। किंतु इसे परतंत्रता भी मान लेना उचित नहीं है।

विकास के लिए नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक होता है। इसलिए अनुशासन का प्रत्येक क्षेत्र every field में तथा प्रत्येक स्तर पर एक उल्लेखनीय महत्व है।

विद्यार्थी के जीवन in student life में अनुशासन का विशेष महत्व है। और अनुशासन के माध्यम से ही हर एक व्यक्ति अपने आप को सफल Successful घोषित करता है।

जो व्यक्ति अनुशासित होता है, वह एक सफल व्यक्ति तथा समाज में सम्मान के योग्य व्यक्ति होता है।

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अनुशासन की आवश्यकता Need of discipline 

अनुशासन की आवश्यकता प्रत्येक क्षेत्र में हैं, चाहे वह शिक्षा education हो या कोई बिजनेस business  का क्षेत्र हो या फिर वह विद्यार्थी student हो या फिर हमारे फौजी भाई Soldior।

क्योंकि कहा जाता है, कि जीवन की सफलता का मूल मंत्र ही अनुशासन है। समस्त प्रकृति Nature अनुशासन के कारण ही गतिमान है।

सूर्य, चंद्रमा, नक्षत्र, सागर, गर्मी, सर्दी, बरसात वनस्पतियाँ सभी अनुशासन के अंतर्गत ही कार्य करते हैं। अनुशासन का महत्त्व सभी के लिए ही है।

अनुशासन सरकार, समाज तथा प्रत्येक व्यक्ति पर भी लागू होता है। सरकार के नियमों का पालन करने के लिए पुलिस ने न्याय, दंड, पुरस्कार आदि की व्यवस्था की है।

तभी बुद्धिमान व्यक्ति उन नियमों का पालन करते हैं। तथा जो उन नियमों का पालन नहीं करते वे दंड के भागी होते हैं।

सामाजिक व्यवस्था हेतु घर्म religion बनाए गए हैं, समाज आदि के द्वारा बनाए गए नियम है। इनका पालन व्यक्ति मात्र को करना पड़ता है,

और उस व्यक्ति को सुशील और सम्मानित व्यक्ति कहा जाता है, जो सामाजिक नियमों का पालन करता है। किंतु जो लोग अनुशासनहीन ही होते हैं

उन्हें असभ्य और उद्दंड कहा जाता है, तथा वे समाज में बहिष्कार के योग्य होते हैं। यदि व्यक्ति स्वयं अनुशासित रहे तो उसका जीवन और स्वस्थ एकदम मजबूत होता है।

किंतु जो व्यक्ति अनुशासित नहीं रहता है तो वह परेशान रहता है, और दूसरों को समझने की कोशिश नहीं करता है। विद्यार्थी जीवन में भी अनुशासन का बड़ा महत्व है।

अनुशासन के द्वारा ही विद्यार्थी प्रत्येक विषय के विभिन्न कठिनाइयों difficulties को पार करता है, तथा उन कठिनाइयों को पार करके उनसे सीखता है और आगे बढ़ता है।

विद्यार्थी सुबह अनुशासन के द्वारा ही समय पर उठता है और अपने नित्य प्रति के काम करके अध्ययन करता है, तथा विद्यालय जाता है।

विद्यार्थी का अनुशासित जीवन ही उसका सफल होने का मूल मंत्र होता है। अनुशासित विद्यार्थी किसी भी उत्तरदायित्व का वहन कर सकता है। यही कारण है,

कि प्राचीन काल में in ancient time ऋषि मुनि शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन पर विशेष बल दिया करते थे और उस समय जो आज्ञा देते थे।

उनमें बालकों का हित हुआ करता था। अनुशासन में रहना  अपने आचरण में अनुशासन को ढाल लेना बहुत ही आवश्यक होता है जो विद्यार्थी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

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अनुशासन का महत्त्व importence of discipline 

विद्यार्थी तथा साधारण व्यक्ति से लेकर बड़े से बड़े सफल व्यक्ति के जीवन में अनुशासन का बड़ा ही महत्त्व देखने को मिलता हैं।

जिन्होंने विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का पालन किया है। आज वे लोग पूजे जाते हैं, तथा उनके नाम के चर्चे चारों तरफ है।

अगर हम बात करें राणा प्रताप, शिवाजी, सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी की तो इन्होने अनुशासन के कारण इतनी ख्याति और प्रसिद्धि अर्जित की है।

इन सभी में विद्यार्थी जीवन में अनुशासन कूट-कूट कर भरा था। 1857 की क्रांति के विफल होने का मुख्य कारण अनुशासन को ही माना जाता है। जिसका परिणाम पूरे देश ने भुगता था।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने शांतिपूर्वक विशाल अंग्रेजी साम्राज्य की नींव हिला दी। इसका एकमात्र कारण अनुशासन ही है।

गाँधी जी ने अनुशासन के अंदर रहते हुए सत्याग्रह चलाया और लोगों को अनुशासन में रहने की प्रेरणा दी। यदि विद्यार्थी अनुशासन में रहता है,

तो वह कठिन से कठिन परिस्थितियों में अपने आप को बाहर कर सकता है। कठिन परिस्थितियों को जीत भी सकता है।

अनुशासन के द्वारा ही शिक्षक 50 से 60 तथा 100 तक बच्चों को अकेले एक साथ पढ़ा सकता है। अनुशासन के संदर्भ में मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी जीवन मैं एक प्रेरणादाई पुरुष है।

मर्यादा में और अनुशासन में रहने के कारण ही उनको मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है।

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अनुशासन के महत्व पर कविता Poem of importence of discipline 

1. झर झर झर झर बहता झार

    चाहे रोको उसको बार-बार

    अपना मार्ग स्वयं बनाती है।

    बच्चों वो नदी कहलाती है।

2. दूसरों को फल देता है।

    कभी ना उनसे कुछ लेता है।

    अपना शरीर भी देता दान।

    ऐसे होते हैं पेड़ महान।

    ये परोपकार ही सिखलाते है।

    ये अनुशासन का पाठ पढ़ाते है।

3. रोज रोज आता है, भैया

    पता नहीं कौन है इनकी माता मैया

    अपना काम करते हैं

    इनको सूरज भैया कहते हैं।

    जो नित्य प्रति अपना काम करते है।

    हमेशा अनुशासन में रहते है।

4. कभी न थकती चलती जाती

    छोटी सी जिसकी जिंदगानी

    खुद से ज्यादा बोझ उठाती

    वो है एक चींटी महारानी।

    अपने जीवन में बड़े काम

    कर जाती है।

    हम सबको अनुशासन

    सिखलाती है।

5. अनुशासन में रहती पृथ्वी.

    अनुशासन में रहता यह संसार है।

    अनुशासन में सूर्य चंद्रमा

    अनुशासन ही जग का आधार है।

उपसंहार Conclusion 

हम कह सकते हैं कि महान बनने के लिए अनुशासन बहुत ही आवश्यक है और विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बहुत महत्त्व है।

अगर विद्यार्थी विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का पालन करता है और अनुशासन में रहता है।

तो आगे भी अनुशासन का पालन करेगा तथा सफलता की ऊंचाइयों को छूता जाएगा इसलिए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का परम महत्व है।

दोस्तों आपने इस लेख में अनुशासन का अर्थ और महत्व पर निबंध (Essay on importence of discipine) पड़ा आशा करता हुँ। यह लेख आपको अच्छा लगा होगा।

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