रवींद्रनाथ टैगोर जयंती पर निबंध Essay on Rabindranath Tagore Jayanti 

हैलो दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस लेख रविंद्र नाथ टैगोर पtaigore) रवींद्रनाथ टैगोर जयंती पर निबंध (Essay on Ravindranath Taigore jaynti) में।

दोस्तों आप इस लेख में आज महान हिंदी साहित्य के कवि तथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती के बारे में जानेंगे।

इसके साथ ही आप जानेंगे रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म कब हुआ था? उनकी कौन-कौन सी रचनाएं हैं? तथा रवींद्रनाथ टैगोर को एशिया का प्रथम नोबेल पुरस्कार कब मिला था।

आइए बने रहिए हमारे इस लेख के साथ रविंद्र नाथ टैगोर जयंती पर निबंध:-

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रवींद्रनाथ टैगोर जयंती पर निबंध


रवींद्रनाथ टैगोर कौन थे who was Rabindranath Tagore

रवींद्रनाथ टैगोर कौन थे - रवींद्रनाथ टैगोर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समय के एक महान कवि साहित्यकार तथा एक प्रमुख सेनानी थे।

रविंद्र नाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार 1913 में मिला था। रविंद्र नाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार अपने साहित्य गीतांजलि के लिए दिया गया था।

रविंद्र नाथ टैगोर एशिया के प्रथम नोबल पुरुष्कार (Noval Prise) विजेता भारतीय है। रवींद्रनाथ टैगोर ही वह व्यक्ति थे, जिनकी दो रचनाएं 2 देशों की राष्ट्रगान बनी है।

इसमें भारत का जन गण मन अधिनायक जय हो (Jan gan man adhinayak jay ho) और बांग्लादेश का आमार सोनार बांग्ला (Aamar sonar bangla) पूरे विश्व में जाने जाते हैं।

रवींद्रनाथ टैगोर ने अपनी सक्रिय भूमिका के साथ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया और अपनी लिखी हुई कविताओं से भारतीय वीरों के हृदय में आग और ज्वाला जलाकर

मातृभूमि को स्वतंत्र कराने के लिए प्रेरित किया। रवींद्रनाथ टैगोर में मातृभूमि के प्रति प्रेम निस्वार्थ सेवा कूट- कूट कर भरा था।

रवींद्रनाथ टैगोर ने ब्रिटिश सरकार की नाईटहुड (Nighthood) की उपाधि 13 अप्रैल 1919 के जालियाबाला बाग हत्याकांड के विरोध में वापिस कर दी थी।

ऐसे महान कवि, विचारक, साहित्यकार, तथा क्रन्तिकारी की मृत्यु 7 अगस्त, 1941 को कलकत्ता में किडनी इंफेक्शन से हो गयी।

रवींद्रनाथ टैगोर जयंती पर निबंध

रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म कब हुआ When Rabindranath Tagore was born

रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई को 1861 ईसवी में कोलकाता के काठियावाड़ में हुआ था, इसलिए प्रत्येक वर्ष रविंद्र नाथ टैगोर की जयंती 7 मई (Seven May) को मनाई जाती है।

रवींद्रनाथ टैगोर के पिता जी का नाम देवेंद्र नाथ टैगोर तथा इनकी माता का नाम शारदा  बाई था। रवींद्रनाथ टैगोर की माँ का निधन बचपन में हो गया था

और इनके पिताजी हमेशा अपने काम के सिलसिले में यात्रा ही करते रहते थे। इसलिए रवींद्रनाथ टैगोर का पालन पोषण नौकरों के द्वारा ही किया गया।

रवींद्रनाथ टैगोर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता से ही शुरू की और वकील बनने के लिए इन्होंने ब्रिटिश स्कूल ब्रिज स्टोन में दाखिला लिया फिर कानून (Law) की पढ़ाई के लिए वह लंदन चले गए।

किंतु बिना डिग्री प्राप्त करे ही वह वापस आ गए और उन्होंने 1880 में मृणालिनी देवी से विवाह कर लिया। रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई का नाम द्विजेंद्र नाथ टैगोर था,

जो एक महान कवि और दार्शनिक थे। इनके एक और भाई का नाम सत्येंद्र नाथ था, जो सिविल सर्विसेज परीक्षा में सबसे पहले पास होने वाले व्यक्ति थे। उनकी एक बहन थी

जिनका नाम था स्वर्णकुमारी जो एक उपन्यासकार थी जबकि इनके एक भाई और थे जिनका नाम था। ज्योतिरेंद्रनाथ जो एक संगीतकार और नाटककार थे।

इन सभी के जीवन का प्रभाव रविंद्र नाथ टैगोर पर पड़ा और रवींद्रनाथ टैगोर एक महान दार्शनिक कवि तथा क्रांतिकारी के रूप में प्रकट हो गए।

रवींद्रनाथ टैगोर जयंती 2021 Rabindranath Tagore Jayanti 2021

रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती 2021 में 7 मई को मनाई जाएगी। 7 मई को समस्त देश में तथा विभिन्न शांतिनिकेतनों, सरकारी दफ़्तरों, में शांतिपूर्वक रवींद्रनाथ टैगोर जी की जयंती मनाई जाएगी

तथा उन्हें श्रृद्धांजलि दी जाएगी। इस शुभ अवसर पर लोग रवींद्रनाथ टैगोर की विचारों को सबके समक्ष प्रस्तुत करेंगे और उन पर चलने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करेंगे।

नोबल फोंडेशन के द्वारा भी रावींद्र नाथ टैगोर को श्रृद्धांजलि दी जाएगी। रवींद्रनाथ टैगोर के विचार ही उनके जीवन में उनके प्रेरणास्रोत रहे हैं।

रवींद्रनाथ टैगोर के विचारों उनकी दी हुई शिक्षा सभी को अपने जीवन में अपनानी चाहिए। ऐसे महान साहित्यकार दार्शनिक, तथा स्वतंत्रता सेनानी को सत - सत नमन है। 

रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाएँ Compositions of Rabindranath Tagore

रवींद्रनाथ टैगोर की प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित है :-

उपन्यास - चार अध्याय, मालंच, करुणा, योगायोग, चतुरंग, गोरा, नष्टनीड आदि प्रमुख उपन्यास है।

कविता - कवि काहिनी,बनफूल,भग्न हृदय,संध्या संगीत, प्रभात संगीत,छबि ओ गान,शैशव संगीत,भानुसिंह ठाकुरेर पदावली,कड़ि ओर कोमल,मानसी,सोनार तरी,विदाय

अभिशाप,नदी,चित्रा,कणिका,क्षणिका,कल्पना,काहिनी,कथा,नैवेद्य,स्मरण,शिशु,उत्सर्ग,खेया,गीतांजलि ,गीतिमाल्य,बलाका,पलातका,लिपिका,शिशु

भोलानाथ,पूरबी,पथिक ('पूरबी' का उत्तरार्ध),प्रवाहिनी, लेखन,महुया,वनवाणी,परिशेष,पुनश्च,विचित्रिता,शेष सप्तक,वीथिका,पत्रपुट,श्यामली,खापछाड़ा,छड़ार छबि,सेँजुति,प्रहासिनी,आकाश

प्रदीप,नवजातक,सानाइ,रोगशय्याय,आरोग्य,जन्मदिने छड़ा आदि रविंद्र नाथ टैगोर की कविताएं है।

लघुकथा - भिखारिणी,घाटेर कथा घाट की कथा, राजपथेर कथा राजपथ की कथा,देना-पाउना दहेज,पोस्टमास्टर,गिन्नि,सुभा,ब्यबधान

व्यवधान,ताराप्रसन्नेर कीर्ति (ताराप्रसन्न की कीर्ति),बाबू की चरस,सम्पत्ति-समर्पण,कंकाल,मुक्तिर उपाय (मुक्ति का उपाय),त्याग,एकरात्रि (एक रात),एकटा आषाढ़े गल्प,जीबन ओ मृत (जीवित और मृत),स्वर्णमृग,रीतिमत नावेल,जय-

पराजय,काबुलिवाला,महामाया,रामकानाइयेर निर्बुद्धिता (रामकन्हाई की मूर्खता),ठाकुरदा (पितामह/दादा),दानप्रतिदान,सम्पादक,मध्यबर्तनी

(मध्यवर्तिनी),असम्भब कथा,शास्ति (सजा),एकटि क्षुद्र पुरातन गल्प,समाप्ति,समस्यापूरण,खाता (कॉपी),अनधिकार प्रबेश,मेघ ओ रौद्र (धूप और

छाया),प्रायश्चित,बिचारक,निशीथे (आधी रात में),आपद (आफत),दिदि (दीदी),मानभंजन,प्रतिहिंसा,अतिथि,दुराशा,पुत्रयज्ञ,डिटेक्टिव (जासूस),अध्यापक,राजटीका,दृष्टिदान,सदर ओ

अन्दर (बाहर और भीतर),उद्धार,फेल,शुभदृष्टि,उलुखरेर बिपद (तिनके का संकट),प्रतिबेशिनी

(पड़ोसिन),दर्पहरन,माल्यदान,कर्मफल,गुप्तधन,माष्टर मोशाय (मास्टर साहब),रासमनिर छेले (रासमणि का बेटा),हालदार गोष्ठी (हालदार परिवार),हैमन्ती,बोष्टमी

(वैष्णवी),स्त्रीर पत्र (पत्नी का पत्र),भाइफोँटा,शेषेर रात्रि (अंतिम रात),अपरिचिता,तपस्विनी,पात्र ओ पात्री,नामंजुर गल्प (विचित्र कहानी),संस्कार,बलाय (बला),चित्रकर,चोराइ धन (चोरी का धन), रबिबार

(रविवार),शेष कथा,लेबोरेटरी, प्रगतिसंहार (कापुरुष),शेष पुरस्कार,पणरक्षा (प्रतिज्ञा),क्षुधितपाषाण,यज्ञेश्बरेर यज्ञ (यज्ञेश्वर का यज्ञ),

दुर्बुद्धि, छुटि (छुट्टी) आदि लघु कथाएँ रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाओं के अंतर्गत आती है।

नाटक गीतानाट्य - रुद्रचंड (लघु नाटिका),वाल्मीकि प्रतिभा (संगीत नाटक),कालमृगया (संगीत नाटक)  (वाल्मीकि प्रतिभा के संस्करण में समाहित),नलिनी, प्रतिशोध,मायार खेला,राजा ओ रानी,

गोड़ाय गलद,चित्रांगदा,विदाय अभिशाप (काव्य नाटक),मालिनी, बैकुंठेर खाता (बैकुंठ का पोथा) आदि कई रावींद्र नाथ टैगोर के नाटक और गीतनाट्य है।

निबंध - रामायणी कथा,चीने मरनेर व्यवसाय,राजनीतिक द्विधा,ऐतिहासिक निबंध,काव्येर उपेक्षिता,कुमारसंभव ओ शकुंतला,शकुंतला,साहित्येर

तात्पर्य,रंगमंच,दुःख,उत्सव, आत्मपरिचय,हिन्दू ब्राह्म,तपोवन,भारतवर्षीय इतिहासेर धारा,स्वराज साधन,शुद्र धर्म,मानव सत्य आदि कई उनके निबंध संग्रह है।

आत्माकथा जीवनी - जीवनस्मृति, चरित्रपूजा

भ्रमण कथा - जापानी यात्रा, परास्ये, यूरोप प्रवासीर पत्र,रसियार चिठी।

रविन्द्र नाथ टैगोर के विचार Thoughts of Ravindra Nath Tagore 

रविंद्र नाथ टैगोर के महत्वपूर्ण विचार निम्नलिखित है :-

  1. रविन्द्र नाथ टैगोर का विचार है, कि सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक उस चाक़ू की तरह है जिसमे सिर्फ ब्लेड है, जो उस उपयोग करने वाले को घायल कर देता है।
  2. रविन्द्र नाथ टैगोर का विचार है, कि फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर उसे इकठा कर सकते हो किन्तु आप उसकी सुंदरता को इकठ्ठा नहीं करते। 
  3. रविन्द्र नाथ टैगोर का विचार है, कि मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती।
  4. रविन्द्र नाथ टैगोर का विचार है, कि वे लोग जो अच्छाई करने के लिए अधिक उत्सुक होते  है, वे लोग स्वयं अच्छा होने के लिए समय नहीं निकाल पाते।
  5. रविन्द्र नाथ टैगोर का विचार है, कि मैंने स्वप्न देखा कि यह जीवन आनंद है. और जब में जागा तो पाया कि यह जीवन सेवा है. और जब मैंने सेवा की तो पाया कि सेवा में ही आनंद है।
  6. रविन्द्र नाथ टैगोर का विचार है, कि यदि कोई भी व्यक्ति सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद कर देगा तो सच बाहर रह जायेगा।
  7. रविन्द्र नाथ टैगोर का विचार है, कि आईये हम सबको यह प्रार्थना नहीं करनी चाहिए कि हमारे ऊपर संकट न आएं, बल्कि यह प्रार्थना करनी चाहिए कि हम उनका निडरता से सामना कर सकें।
  8. रविन्द्र नाथ टैगोर का विचार है, कि प्रेम ही एक मात्र वास्तविकता है, ये महज एक भावना नहीं है अपितु यह एक परम सत्य भी है, जो सृजन के समय से ह्रदय में वास कर रहा है।
  9. रविन्द्र नाथ टैगोर का विचार है, कि जब मैं खुद पर हँसता हूँ तो मुझे ऐसा लगता है, जैसे मेरे ऊपर से मेरा बोझ कम हो गया है।
  10. रविन्द्र नाथ टैगोर का विचार है, कि हम महानता के सबसे करीब तब आ जाते हैं जब हम विनम्रता में महान होते हैं।

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FAQs for Ravindranath taigore

Q.1. रवींद्रनाथ टैगोर ने किसकी स्थापना की थी?

Ans. रवींद्रनाथ टैगोर ने विश्व भारती विश्वविद्यालय की स्थापना पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन में की थी।

Q. 2. रवींद्रनाथ टैगोर को कौन सी उपाधि दी गई है?

Ans. रवींद्रनाथ टैगोर को महत्मा गाँधी द्वारा टैगोर की उपाधि दी गयी।

Q. 3. नाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार कब मिला?

Ans. रवींद्रनाथ टैगोर को प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार साल 1913 में उनकी कृति गीतांजलि के लिए दिया गया था।

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