गाय पर निबंध हिंदी में Essay on cow in Hindi
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस लेख गाय पर निबंध हिंदी में (Essay on cow in hindi) में।
दोस्तों इस लेख में हम गाय पर निबंध हिंदी में कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12, तक के बच्चों के लिए लेकर आए हैं। यहाँ से आप गाय पर निबंध लिखने का आईडिया भी ले सकते हैं।
क्योंकि यहाँ पर गाय (Cow) के बारे में समस्त जानकारी बड़ी ही सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है। तो आइए दोस्तों शुरू करते हैं आज का यह लेख गाय पर निबंध हिंदी में:-
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गाय पर निबंध Class 4 Essay of cow
गाय एक पालतू पशु है, जिसे हम गौ माता कहते हैं। गाँव में प्रत्येक घर में गाय पाली जाती है। गाय एक स्तनधारी (Mammmal) शाकाहारी प्राणी है, जो बड़ी ही सीधी और शांति प्रिय पशु होती है।
गाय सफेद, काली, लाल चितकबरी कई रंगों की होती है। जिसकी लंबाई पाँच से सात फीट तथा ऊंचाई चार से पांच फीट हो सकती है।
गाय के चार पैर, दो सींग, चार थन तथा एक लम्बी पूँछ होती है। गाय हमें दूध देती है, जिससे विभिन्न प्रकार की मिठाईयाँ दही, मक्खन, घी बनाया जाता है।
गाय हमेशा हरी घास और भूसा खाती है। गाय के बच्चे को बछड़ा कहा जाता है, जो बड़े होने पर खेत जोतने के काम आता है।
गाय का गोबर विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान कार्यों में उपयोग में लाया जाता है, तथा गाय के गोबर के कंडे बनाकर इंधन के रूप में उपयोग में लाए जाते हैं गाय एक महत्वपूर्ण पशु है।
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गाय पर निबंध Class 6 essay on cow
गाय एक दुधारू पालतू तथा स्तनधारी प्राणी होती है, जिसका पौराणिक काल में अधिक महत्व था। गाय विश्व के विभिन्न भागों में पाई जाती है जिसे वहाँ अलग-अलग नामों के द्वारा भी पुकारते हैं।
लेकिन भारत में गाय को गौ माता के नाम से बुलाया जाता हैं। गाय के चार पैर, दो सींग, चार थन तथा एक लंबी पूंछ होती है। गाय लाल, काली सफेद तथा चितकबरी रंगों में होती है।
गाय का वैज्ञानिक नाम बोस इंडिकस (Bos Indicus) है। गाय की विभिन्न प्रकार की प्रजातियाँ (Species) हैं, जिनमें साहिवाल, लाल सिंधी, जाफरादारी आदि प्रमुख नस्ले है। गाय हमें दूध देती है, जो एक पौष्टिक आहार होता है।
गाय के दूध में विभिन्न प्रकार के खनिज, विटामिन तथा मिनरल्स पाए जाते हैं, जो शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं, जबकि गाय के दूध से विभिन्न प्रकार की मिठाईयाँ,दही
मक्खन, पनीर आदि भी बनाया जाता है। गाय हरी घास और भूसा खाती है। गाय के बच्चे को बछड़ा (Calf) कहा जाता है, जो बड़ा होकर खेत जोतने के काम में प्रयोग किया जाता है।
गाय गोबर देती है, जिससे कंडे बनाया जाते हैं और इन कंडो का उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है। गाय के गोबर का उपयोग विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान कार्यों में भी किया जाता है।
यहाँ तक कि गोमूत्र का उपयोग विभिन्न प्रकार की दवाइयाँ बनाने में तथा रोगों को दूर करने में किया जाता है। गाय एक हिंदू धर्म की सबसे पवित्र पशु है।
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गाय पर निबंध Class 8 essay on cow
प्रस्तावना Introduction
पृथ्वी पर बहुत से ऐसे जानवर हैं, जो पालतू है, लेकिन उन पालतू जानवरों में से एक जानवर है, जिसे गाय कहा जाता है। गाय हिंदुओं का सबसे पवित्र (Secred) पशु माना जाता है।
और हिन्दू इसे गौ माता के नाम से भी पुकारते हैं। वैदिक काल (Vaidic Age) में भी गाय का महत्वपूर्ण उल्लेख किया गया है. ऋषि मुनि भी गायों को अपने आश्रम में पाला करते थे।
कुछ समय पहले गांव में प्रत्येक घर में गाय पाली जाती थी, क्योंकि गाय एक सीधी-सादी और शांति प्रिय पशु है, और दूध भी देती है। शास्त्रों में कामधेनु गाय का भी वर्णन किया गया है।
जो एक चमत्कारिक गाय थी और समुद्र मंथन के द्वारा समुद्र से निकली थी। यह कामधेनु गाय देवराज इंद्र के पास है। कहा जाता है, कि कामधेनु गाय किसी भी प्रकार की वस्तु तुरंत प्रकट कर सकती है।
संरचना Body structure
गाय की शारीरिक संरचना बड़ी ही सरल है, अधिकतर गाय की लंबाई 7 से 8 फीट तथा ऊँचाई 4 से 5 फीट होती है, जबकि एक गाय का सामान्य वजन 500 से 900 किलोग्राम तक हो सकता है।
गाय के चार पैर, दो सींग, चार थन तथा एक लंबी पूछ होती है। पूछ के द्वारा गाय अपने ऊपर आने वाले कीड़े मकोड़ों को भगाया करती है।
गाय विभिन्न रंगों की होती है, अक्सर गाय काले लाल सफेद तथा चितकबरी रंगों में देखी जाती है। गाय का वैज्ञानिक नाम बोस इंडिकस है।
गाय की उपयोगिता तथा महत्व utility and importance of cow
गाय की उपयोगिता तथा महत्व प्राचीन काल से ही है। विभिन्न इतिहासकारों ने यही बताया है, कि मनुष्य ने गाय को ही प्राचीन काल में पालतू पशु बनाया था।
पौराणिक काल में विभिन्न ऋषि मुनि भी अपने-अपने आश्रम में गायों को पाला करते थे। राजा महाराजा भी ऋषि-मुनियों को यज्ञ अनुष्ठान कार्यों में गायों को दान के रूप में दिया करते थे।
वैदिक काल में गायों के द्वारा ही आर्थिक स्थिति का अनुमान लगाया जाता था। गाय निर्मल पावन अमृत के समान दूध देती है।
इस दूध में विभिन्न पौष्टिक तत्व जैसे, कि प्रोटीन, एंजाइम, विटामिंस, खनिज आदि पाए जाते हैं। गाय का दूध विभिन्न प्रकार के रोगों में लाभकारी भी होता है।
गाय के गोबर के कंडे बनाए जाते हैं, और गाय के गोबर के कंडे तथा गोबर का उपयोग विभिन्न यज्ञ तथा अनुष्ठान कार्यों में भी किया जाता है। इसीलिए मनुष्य के जीवन में गाय एक सबसे महत्वपूर्ण पशु है।
उपसंहार Conclusion
गाय एक सीधी-सादी शांति प्रिय पालतू पशु है, इसीलिए गाय को प्रत्येक घर में पाला जाना चाहिए, किंतु आज के समय में गाय की स्थिति दयनीय होती जा रही है।
लोग गाय को दूध के लिए पालते हैं और दूध कम हो जाने पर उसे यहां-वहां भटकने के लिए छोड़ देते हैं। यहाँ तक कि बहुत से लोग तो गाय का उपयोग माँस के रूप में भी करते हैं।
ऐसे लोग पाप के भागीदार होते हैं। इसलिए लोगों को माँ स्वरूप गाय को आसरा देना चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए।
गाय पर निबंध Essay on cow
गाय क्या है what is cow
एक सीधी-सादी दुधारू स्तनधारी प्राणी (Mammal) होती है, जिसे आम तौर पर भारतीय गौ माता कहते हैं। क्योंकि गाय ही एक ऐसा पशु है, जिसे भारतीय संस्कृति में माँ कहा जाता है।
गाय का वैज्ञानिक नाम बोस इंडिकस है। इसकी विभिन्न प्रकार की प्रजाति है, जो देश विदेशों में पाई जाती हैं। गाय हमेशा शांत रहती है।
इसलिए इसे घरों में आसानी से पाला जाता है। पुराने समय में ऋषि मुनि भी अपने आश्रमों में गाय को पाला करते थे। यहाँ तक की कुछ गांव ऐसे थे,
जहाँ घर-घर में गायों को पाला जाता था और आज के समय में बहुत से किसान (Farmer) गाय को अपने घरों में पालते हैं।
गाय क्या खाती है what does cow eat
गाय एक शाकाहारी तथा शांतिप्रिय भी प्राणी है। गाय का मुख्य आहार हरी घास होती है। गाय पेड़ों की पत्तियाँ तथा भूसा भी खाती है।
गाय को पौराणिक काल में अधिक महत्व प्राप्त था, और गाय की पूजा तथा सेवा की जाती थी। पुराणों में कामधेनु गाय की भी चर्चा मिलती है
जो समुद्र मंथन के द्वारा प्राप्त हुई थी। कामधेनु गाय (Kaamdhenu Cow) एक चमत्कारी गाय हैं, जो देवताओं के पास थी।
गाय कहाँ रहती है where does cow live
गाय एक बहुत ही भोली शाकाहारी (Vegitarian) प्राणी होती है। इसलिए गाय को आमतौर पर पालतू पशु कहा जाता है और पालतू पशु होने के नाते गायों को घरों में पाला जाता है।
गाय प्राचीन काल से ही पालतू पशु रही है। यहाँ तक कि कहा जाता है, कि मनुष्य ने नवपाषाण काल में गाय को ही पालतू पशु बनाया था।
गाय लोगों के घरों में गौशाला में रहा करती है। प्राचीन काल में ऋषि मुनि भी अपने आश्रमों में गायों को स्थान दिया करते थे। वर्तमान समय में गायों को दूध के लिए पाला जाता है।
जबकि बहुत से डेरी फॉर्म भी खुले जहाँ पर दूध के व्यवसाय की दृष्टि से गायों को पाला जाता है। गाय जंगलों में भी रहती हैं, जिन्हें जंगली गाय कहा जाता है।
जंगल की गाय आमतौर पर घरों में पाली जाने वाली गायों से हष्ट पुष्ट तथा बजन में भी अधिक होती हैं।
शारीरिक संरचना Body structure
गाय की शारीरिक संरचना बहुत ही सरल होती है। गाय के चार पैर, दो सींग, चार थन और एक लंबी पूंछ होती है। गाय के दो कान, दो आंखें तथा एक मुँह भी होता है।
गाय के शरीर की लंबाई 5 से 7 फीट तथा ऊंचाई 4 से 5 फीट तक हो सकती है, जबकि गाय का वजन 600 से 900 किलोग्राम तक होता है।
गाय एक स्तनधारी प्राणी होती है, इसलिए गाय बच्चों को जन्म देती है। गाय के बच्चे को बछड़ा कहा जाता है, जबकि गाय का गर्भकाल 275 से 280 दिन तक हो सकता है।
गाय एक बार में एक, किंतु कभी-कभी जुड़वा बच्चों को भी जन्म देती है, जबकि एक गाय का औसत जीवनकाल 18 से 22 वर्ष तक ही होता है।
गाय की प्रजातियाँ Species of cow
देश विदेशों में गाय की बहुत सी प्रजातियाँ हैं, जिनकी शारीरिक संरचना तथा दूध देने की क्षमता अलग-अलग होती है। गाय की कुछ प्रजातियों का वर्णन यहाँ पर किया गया है:-
- साहिवाल नस्ल की गाय - साहिवाल नस्ल की गाय सबसे अच्छी नस्ल की गाय मानी जाती है। जो मुख्यत: गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा तथा मध्य प्रदेश के क्षेत्रों में पाई जाती है। यह गाय 1 बार में 5 से 8 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है।
- गिर नस्ल की गाय - गिर नस्ल की गाय की जन्म भूमि गुजरात का गिर क्षेत्र है। इसलिए इसको गिर नस्ल की गाय भी कहा जाता है। इस गाय के थन अन्य गायों की तुलना में थोड़े बड़े होते हैं, यह गाय ब्राजील, इजराइल आदि देशों में भी पाली जाती है। यह गाय भी एक बार में 4 से 5 लीटर दूध देती है।
- लाल सिंधी नस्ल की गाय - इस गाय को लाल सिंधी नस्ल की गाय इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह नस्ल लाल रंग की होती है। यह नस्लें तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, हरियाणा के क्षेत्र में पाई जाती है, तथा 5 से 8 लीटर तक दूध एक बार में देती है।
- थारपरकर नस्ल की गाय - इस नस्ल की गाय का ग्रह स्थान राजस्थान का बाड़मेर है। इसलिए यह नस्ल राजस्थान के क्षेत्रों में जोधपुर, जैसलमेर आदि में अधिक संख्या में पाई जाती है। यह गाय एक दुधारू नस्ल की प्रजाति होती है।
इसके साथ ही गाय की अन्य नस्लें जैसे - देवनी, हरियाणवी, राठी कांकरेज आदि भी दुधारू गायों की श्रेणी में आती है।
गाय का महत्व Importance of cow
गाय का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है। प्राचीन काल में गायों की माँ की तरह आदर सत्कार किया जाता था। पौराणिक काल में गायों का उल्लेख भी किया गया है।
गायों के गोबर का उपयोग विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान कार्यों में किया जाता है। यहाँ तक की गाय के गोबर (Cowdung) का उपयोग गांव में सजावट के और पर घरों पर भी किया जाता है।
गाय के गोबर के कंडे बनाए जाते हैं, जिन्हें जो ईंधन के काम में भी आते हैं। गाय अमृत समान शुद्ध दूध देती है। जो विभिन्न रोगों को दूर करने की शक्ति रखता है।
यहाँ तक कि गाय एक ऐसा पशु है जो मरने के बाद भी लोगों के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होती है। गाय की हड्डियों का उपयोग चारकोल बनाने के लिए तथा गाय की खाल
का उपयोग जूते तथा कपड़े बनाने में भी किया जाता है। इस गाय एक महत्वपूर्ण स्तनधारी प्राणी है, जिसका कर्ज हम कभी भी नहीं चुका सकते।
उपसंहार Conclusion
नि:संदेह गाय एक महत्वपूर्ण प्राणी है, किन्तु आज के समय में गाय की दुर्दशा देखकर आंखों में आंसू आ जाते हैं। लोग गायों को अपने स्वार्थ की दृष्टि से देखते हैं और दूध आने पर उनको बांध लेते हैं।
किंतु जब गाय दूध देना बंद कर देती हैं तो उन्हें दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ देते हैं। यहाँ तक कि आज इंसान जानवर बन गया है।
वह गाय जैसी पवित्र पशु को जिसे इंसान माँ कहकर पुकारते हैं, उस गाय का उपयोग माँस के तौर पर किया जाता है, जो एक बहुत बड़ा पाप है।
इंसानों को गाय जैसी पवित्र पशु (Secred Animals) के महत्व को पहचानना चाहिए तथा गायों को संरक्षण तथा सेवा प्रदान की जानी चाहिए।
दोस्तों इस लेख में आपने गाय पर निबंध (Essay on cow in hindi) पड़ा आशा करता हूँ, यह लेख आपको अच्छा लगा होगा।
- FAQ for Essay on Cow
गाय की प्रमुख नस्लें कौन कौन सी हैं?
साहीवाल, गिर, सिंधी, थारपारकर, हरियाणवी, राठी आदि गाय की प्रमुख नस्लें होती है।
गाय की उम्र कितनी है?
एक स्वास्थ्य गाय की उम्र लगभग 18 से 22 साल होती है।
गाय के मुंह में कितने दांत होते हैं?
गाय के बच्चे के 20 दाँत होते है, जिन्हे अस्थायी दाँत कहते है किन्तु गाय के मुँह में स्थायी दाँत 32 दाँत होते है।
गाय को माता क्यों कहा जाता है?
गाय हमें हमारी माता की तरह दूध देती है, जो शरीर को पोषण प्रदान करता है, इसलिए गाय को माता कहा जाता है, जबकि हिन्दु धर्म में गाय को पवित्र पशु माना गया है, इसलिए उसकी पूजा भी होती है।
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