दूरदर्शन पर निबंध Essay on Doordarshan in hindi
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, हमारे इस लेख दूरदर्शन पर निबंध (Essay on Doordarshan) में। दोस्तों इस लेख के माध्यम से आप दुनिया के सबसे सशक्त माध्यम जिसे कहते हैं दूरदर्शन के बारे में जानेंगे।
इसके साथ ही आप जानेगे की दूरदर्शन क्या है? इसका अर्थ क्या है? दूरदर्शन के लाभ तथा हानियाँ क्या है? दोस्तों यहाँ से आप दूरदर्शन लाभ और हानि पर निबंध, दूरदर्शन वरदान या अभिशाप पर निबंध लिखने का आईडिया भी ले सकते है, तो दोस्तों आइये शुरू करते हैं, आज का यह लेख दूरदर्शन पर निबंध:-
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प्रस्तावना Preface
दूरदर्शन किसे कहते हैं what is doordarshan
आज का युग विज्ञान का युग (Age of science) है, और विज्ञान ने मनुष्य के जीवन को सुरक्षित और ऐश्वर्यशाली बनाने के लिए बहुत सारे ऐसे अविष्कार (Invension) किए हैं, जिनके बारे में हम कल्पना तक नहीं कर सकते थे।
उन्हीं अविष्कारों में से एक अविष्कार (Invention) है "दूरदर्शन का" दूरदर्शन का अर्थ दूर का दर्शन दूर की बात जानना होता है। इस प्रकार से हम कह सकते हैं, दूरदर्शन वह एक माध्यम है,
जिसके द्वारा हम एक स्थान पर बैठकर अपने से दूर स्थानों की बातों को जान सकते हैं, सुन सकते हैं और वहाँ पर होने वाली घटनाओं को भी देख सकते हैं। साधारण शब्दों में कह सकते हैं,
कि ज्ञान की वृद्धि करने का स्रोत ही दूरदर्शन (Doordarshan) कहलाता है। दूरदर्शन वह एक माध्यम है, जिसके द्वारा हम अपने ज्ञान में वृद्धि करते हैं।
मनुष्य एक जिज्ञासु व्यक्ति है, और वह हमेशा ही अपने आसपास तथा दूर के वातावरण को जानने का इच्छुक रहा है और उसकी इस अभिलाषा को दूर किया दूरदर्शन ने क्योंकि
दूरदर्शन एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा आप ना कि इस धरती की बल्कि आकाश की भी गतिविधियों (Activity) को देख सकते हैं।
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दूरदर्शन का अर्थ Meaning of doordarshan
दूरदर्शन एक हिंदी शब्द है, जबकि दूरदर्शन को अंग्रेजी में टेलीविजन (Television) कहा जाता है और टेलीविजन दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है "टेली" (Tele) और "विजन" (Vision) जहाँ पर
टेली का अर्थ है "दूर" और विजन का अर्थ है "देखना" इस प्रकार से दूरदर्शन का अर्थ दूर की वस्तुओं तथा सूचनाओं को देखना या सुनना है।
दूरदर्शन का हिंदी अर्थ ही दूर अर्थात दूर की वस्तुएँ, सूचनाएँ या घटनाएँ और दर्शन अर्थात उनको साक्षात देखना होता है। इसलिए दूरदर्शन एक ऐसा सशक्त माध्यम बन गया है,
जिसके द्वारा घर बैठकर विभिन्न प्रकार की सूचनाओं के साथ समस्त महत्वपूर्ण जानकारी भी घर बैठकर प्राप्त की जा सकती हैं। अतः आज के समय में दूरदर्शन प्रत्येक वर्ग के व्यक्तियों का एक अभिन्न अंग बन गया है।
दूरदर्शन का आविष्कार Invension of doordarshan
दूरदर्शन विभिन्न प्रकार की ज्ञान घटनाओं को एक स्थान पर बैठकर देखने और सुनने का सबसे अच्छा माध्यम है।जिसका अविष्कार ब्रिटेन के एक वैज्ञानिक (Scientist) जिनका नाम जॉन एल बेयर्ड (John L Baird) था ने सन 1926 में किया था।
जबकि भारत में दूरदर्शन का प्रवेश सन 1965 में प्रारंभ हो गया था, जिसने 1982 में भारत के शहरों और गांवों में प्रवेश किया भारत में दूरदर्शन का सबसे पहला केंद्र दिल्ली में सन 1951 में खोला गया था।
तथा इस प्रसारण केंद्र के द्वारा 1965 से काम प्रारंभ हो गया और और दूरदर्शन सिनेमा की कार्यप्रणाली के सिद्धांतों पर आधारित होकर आज भारत सहित विश्व के सभी प्रमुख शहरों के साथ छोटे- बड़े सभी गाँवों में भी पहुंच गया है।
इस अविष्कार के द्वारा मनुष्य जब चिंताओं, मानसिक थकान और परिश्रम से ऊब जाता है। उस स्थिति में वह दूरदर्शन का उपयोग अपने मस्तिष्क को शांत करने के लिए तथा मनोरंजन करने के लिए उपयोग में लाता है।
क्योंकि दूरदर्शन के माध्यम से ना कि हमें एक क्षेत्र की जानकारी बल्कि हमें समस्त क्षेत्रों के बारे में जानकारी (Information) मिलती है।
जैसे कि क़ृषि के क्षेत्र में स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनिया में होने वाली घटनाओं के क्षेत्र में तथा अध्ययन संबंधी सूचना है। इसके आलावा विभिन्न महत्वपूर्ण निर्देश दूरदर्शन के माध्यम से प्राप्त होते हैं।
दूरदर्शन का लाभ Benefit of doordarshan
जहाँ एक तरफ दूरदर्शन मनोरंजन का सबसे अच्छा माध्यम है, वहीं दूसरी तरफ दूरदर्शन विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ और घटनाओं को जानने का सशक्त माध्यम भी है। इसीलिए दूरदर्शन से प्रत्येक वर्ग प्रभावित है।
दूरदर्शन के द्वारा विश्व में होने वाली सभी घटनाओं को घर बैठकर देख सकते हैं और उन घटनाओं से बचाव के उपाय के द्वारा अपनी सुरक्षा भी कर सकते हैं।
विश्व में होने वाली प्राकृतिक घटनाओं जैसे - भूकंप (Earthquake) ज्वालामुखी (Volcano) बाढ़ (Flood) सूखा (Drought) आदि के बारे में भी जानकारी प्राप्त होती है, और इनसे किस प्रकार से बचाव किया जा सके
इसके बारे में भी सूचना और समस्त सही जानकारी प्राकृतिक आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रदान की जाती है। दूरदर्शन के द्वारा ही ज्ञान विज्ञान की
समस्त बातें अंतरिक्ष में होने वाली घटनाओं की जानकारी सिनेमा ऐतिहासिक और सामाजिक धारावाहिकों को भी देखकर सुन सकते हैं
और उन्हें समझ सकते हैं। दूरदर्शन के द्वारा ही हम विभिन्न देशों में होने वाली खेल प्रतियोगिताओं के बारे में जान सकते हैं, और उन खेल प्रतियोगिताओं के बारे में सीख भी सकते हैं।
दूरदर्शन शिक्षा का सबसे अच्छा माध्यम है। दूरदर्शन के द्वारा हम औपचारिक शिक्षा के साथ अनौपचारिक शिक्षा भी ग्रहण कर सकते हैं, दूरदर्शन के माध्यम से अनपढ़ लोगों के लिए शैक्षिक कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
जबकि विभिन्न प्रकार के अनुसंधान शालाओं के द्वारा बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण (Scientific Sight) के विकास करने की चेष्टा की जाती है।
दूरदर्शन के माध्यम से कृषि संबंधी (Agricultural) समस्त जानकारी, कीटनाशक दवाओं यहाँ तक की बुवाई से लेकर कटाई तक की समस्त जानकारी दी जाती है। इसीलिए दूरदर्शन का उपयोग मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बनकर सामने उभरा है।
दूरदर्शन से हानियाँ Bad result of doordarshan
जहाँ पर दूरदर्शन एक प्रकार से हमारे लिए वरदान सिद्ध हो रही है। वहीं दूसरी तरफ दूरदर्शन हमारे युवाओं में विभिन्न प्रकार की विकृतियाँ भी उत्पन्न करती जा रही है।
जिसका कारण है, हमारे दूरदर्शन पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव। दूरदर्शन के माध्यम से पाश्चात्य संस्कृति का अधिक प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
जिससे हमारी संस्कृति (Culture) का लोप होता जा रहा है। पाश्चात्य संस्कृति में अपनाए गए विभिन्न प्रकार के रूप आज सभी भारतीय भी अपनाने लगे हैं।
जिससे भारतीय समाज में भी विभिन्न प्रकार की कुरीतियाँ व्याप्त होने लगी हैं। आज के समय में दूरदर्शन के माध्यम से कुछ ऐसे कार्यक्रमों का प्रसारण किया जा रहा है, कि एक तरह से वह शिक्षा के लिए तो अच्छे हैं।
लेकिन दूसरी तरफ से कुछ अश्लील भी होते हैं, जिन चित्रों के द्वारा हमारे भारतीय युवाओं के मन मस्तिष्क पर गहरा असर पड़ता है, और वह अपने कर्तव्य पथ के रास्ते से भटक जाते हैं।
पाश्चात्य पहनावे के कारण भी हमारी भारतीय संस्कृति झूलसती जा रही है। दूरदर्शन पर कुछ ऐसे कार्यक्रम होते हैं, जो विभिन्न प्रकार की सामाजिक घटनाओं को समाज में सामने लाते हैं
ताकि लोग उनसे सीख कर सही राह पर चल सके लेकिन लोग उन का गलत अर्थ लगाकर स्वयं का नुकसान करते हैं
और दूसरों का भी नुकसान होने देते हैं। इसलिए एक तरफ दूरदर्शन हमारे लिए महत्वपूर्ण और उपयोगी है तो वहीं दूसरी तरफ दूरदर्शन हमारे लिए विष के समान है।
उपसंहार Conclusion
दूरदर्शन का मनुष्य के जीवन में जो स्थान है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। दूरदर्शन की व्यापकता के कारण आज यह मनुष्य के जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है।
किंतु आज के समय में दूरदर्शन की जगह विभिन्न प्रकार के चैनल (Channel) उपलब्ध हो गए हैं, जिसके कारण दूरदर्शन का स्तर गिरता जा रहा है।
अतः शासन को चाहिए कि दूरदर्शन के स्तर को उठाने में अपने महत्वपूर्ण कदम उठाएँ और शिक्षाप्रद कार्यक्रमों के प्रसारण के द्वारा नव युवकों का मार्गदर्शन करें।
दोस्तों आपने यहाँ दूरदर्शन पर निबंध (Essay on doordarshan) दूरदर्शन वरदान और अभिशाप पर निबंध पढ़ा, आशा करता हूँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
- FAQ for Doordarshan Essay
Q.1. दूरदर्शन के आविष्कारक कौन है?
Ans. ब्रिटेन के महान वैज्ञानिक जॉन एल बेयर्ड (John L Baird) था ने सन 1926 में दूरदर्शन का अविष्कार किया था।
Q.2. भारत में दूरदर्शन की शुरुआत कब हुई?
Ans. दूरदर्शन की शुरुआत तथा पहला प्रसारण 15 सितंबर, 1959 को प्रयोगात्मक के तौर पर हुआ था।
Q.3. दूरदर्शन का पहला सीरियल कौन सा है?
Ans. हम लोग भारत में प्रसारित होने वाला दूरदर्शन का पहला सीरियल है।
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