ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध Essay on global warming in hindi

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध हिंदी में Essay on global warming in hindi 

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध (Essay on Global warming) में। दोस्तों इस लेख में आप ग्लोबल वॉर्मिंग क्या है,

इसके कारण तथा निवारण के उपाय जान पायेंगे। दोस्तों यह निबंध कक्षा 5 से 12 वीं तथा उच्च कक्षाओं में अक्सर पूँछा जाता है।

यहाँ से आप ग्लोबल वॉर्मिंग पर निबंध लिखने का आईडिया भी ले सकते है। तो आइये दोस्तों पड़ते है, यह लेख ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध:-

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ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध हिंदी में


ग्लोबल वॉर्मिंग पर निबंध 200 शब्दों में Essay on global warming in 200 words 

पृथ्वी के वातावरण का तापमान में विभिन्न कारणों के फलस्वरूप धीरे-धीरे होने वाली वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) कहा जाता है, जो एक राष्ट्र की ही समस्या नहीं है

वरन इस समस्या से आज के समय में संपूर्ण विश्व जूझ रहा है। विकास की दौड़ धूप में तथा अधिक से अधिक सुख सुविधा प्राप्त करने की दृष्टि से विज्ञान तथा 

औद्योगीकरण (Industrilization) की मदद से आज मनुष्य के पास विभिन्न प्रकार की सुख सुविधाएँ प्राप्त हो चुकी हैं, लेकिन इसके विपरीत ही मनुष्य ने भयंकर विनाशकारी समस्याओं को भी जन्म दिया है।

उन समस्याओं में से एक समस्या ग्लोबल वॉर्मिंग कहलाती है। बढ़ती जनसंख्या के कारण मानवीय आवासों की स्थापना के लिए लगातार जंगलों को काटा जा रहा है, मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए उद्योगों को स्थापित किया जा रहा है,

जिसके फलस्वरूप विभिन्न प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न होने लगा है तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस (Co2) तथा अन्य गैसों की अधिकता के कारण सूर्य से आने वाला प्रकाश पृथ्वी पर आ जाता है

तथा वापस नहीं लौट पाता जिस कारण पृथ्वी के वातावरण का तापमान (Tempreture) अधिक बढ़ जाता है, फलस्वरूप आज विभिन्न प्रकार की समस्याएँ और बीमारियाँ देखने को मिल रही है, त्वचा कैंसर, आंखों की बीमारियाँ

आम बात हो गई है, ग्लोबल वार्मिंग के कारण बड़े-बड़े ग्लेशियर पिघल रहे हैं, जिसके कारण आसपास की नदियों का जल स्तर अधिक बढ़ रहा है तथा बाढ़ (Flood) जैसी संभावनाएं बन रही है।

ग्लोबल वार्मिंग के कारण मनुष्य,पशु,पक्षी तथा पेड़ पौधों पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है, इसलिए इस समस्या से निजात पाने के लिए सबसे अधिक वनों का रोपण किया जाना चाहिए

और उद्योगीकरण पर लगाम लगाना चाहिए ग्लोबल वार्मिंग गैसों को कम तथा जनसंख्या वृद्धि को रोकना चाहिए तभी जाकर मनुष्य इस भौतिकवादी वातावरण में चैन की सांस ले सकता है।

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध Essay on global warming in hindi

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध हिंदी में

ग्लोबल वार्मिंग क्या है what is global warming 

पृथ्वी के वातावरण के तापमान में किसी भी कारण के द्वारा होने वाली सतत वृद्धि को ग्लोबल वॉर्मिंग कहा जाता है। ग्लोबल वॉर्मिंग एक विश्वव्यापी समस्या है,

जिससे एक देश नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व जूझ रहा है। साधारण शब्दों में कहा जा सकता है,कि ग्रीन हाउस गैसों (मीथेन, कार्बनडाई ऑक्साइड आदि ) के कारण पृथ्वी के वातावरण के तापमान में

वृद्धि होना ग्लोबल वॉर्मिंग कहा जाता है, कियोकि ग्रीन हॉउस गैंसे Greenhouse gases का स्वभाव होता है, कि वे सूर्य से आने वाली किरणों को पृथ्वी के वातावरण में आने तो देती है,

किन्तु लौट कर जाने नहीं देती, जिस कारण पृथ्वी के वातावरण का तापमान बढ़ जाता है, और ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या उत्पन्न होने लगती है।

ग्लोबल वॉर्मिंग एक ऐसी समस्या है, जिसका निदान अगर नहीं किया गया तो आने वाले समय में पृथ्वी पर जीवन का नामो निसान नहीं रहेगा। 

ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण Causes of global warming 

ग्लोबल वॉर्मिंग का मुख्य कारण ग्रीन हाउस गैसे जैसे कि कार्बन डाई ऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, क्लोरोफ्लोरोकार्बन आदि है।

कियोकि ग्रीन हाउस गैंसे वायुमंडल में एक ऐसा वातावरण बनाती है, जो सूर्य से आने वाली किरणों को वातावरण में प्रवेश करने के बाद पुनः

वापस नहीं जाने देती, जिसकारण वातावरण का तापमान बढ़ जाता है और ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या उत्पन्न होने लगती है।

ग्रीन हाउस गैसो के उत्सर्जन में वृद्धि 10 से 20 वर्ष में 40 गुना तथा ओधोगीकरण के कारण 100 गुना बढ़ गई है। जीवशम ईंधन, वतानुकूलित फ्रीज,

अपूर्ण ईंधन का दोहन, पशुचारण से उत्पन्न मीथेन मनुष्य जीव जंतुओ द्वारा उत्पादित कार्बनडाई ऑक्साइड कोयला, कलोरोफ्लोरो कार्बन जैसी गैंसे

लगातार उत्पन्न हो रही है। वनो की अंधाधुंध कटाई, शहरीकरण, ओधोगीकरण, मनुष्य की अमानवीय क्रियाये, रासायनिक पदार्थो का अधिक प्रयोग,

ओधोगो से निकलने वाली गैंसे, सभी प्रकार का प्रदूषण आदि ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण है। वैज्ञानिकों के अनुसार यदि ग्रीन हाउस

गैसो का ऐसे ही लगातार उत्पादन होता रहा तो अगले 100 वर्षो में पृथ्वी का तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस बढ़ जायेगा। 

ग्लोबल वॉर्मिंग के दुष्परिणाम Effect of global warming 

ग्लोबल वॉर्मिंग एक विश्वव्यापी समस्या है, जिसके दुष्परिणाम बड़े ही घातक होते है। लगातार ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या से मनुष्य तथा जीव जंतुओ में विभिन्न प्रकार के घातक रोग उत्पन्न होने लगे है।

मनुष्य में त्वचा कैंसर (Skin cancer) त्वचा के अन्य रोग, आँखों की बीमारियाँ, डेंगू (Dengue) मलेरिया (Malaria) जैसे तमाम रोग उत्पन्न होने लगते है।

मनुष्य की रोगप्रतिरोधक क्षमता नष्ट होने लगती है, आलस्य, अनिद्रा जैसे रोग पनपने लगते है। ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण जवान 40 वर्ष का मनुष्य 60 वर्ष का बूढा दिखाई देता है।

लगातार तापमान बढ़ने से विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ तथा जीव जंतुओ की प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी है और कुछ विलुप्त होने की कगार पर है।

ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण ही गलेसियर (Glacier) पिघल रहे है, जिससे समुद्र तथा नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण आसपास के मानवीय क्षेत्र जलमग्न हो जाते है। बाढ़ (Flood) की समस्या उत्पन्न होने लगती है।

ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण पर्यावरण चक्र असंतुलित हो गया है, जिसकारण कहीं अधिक बारिश, तो कहीं सूखा, (Draught) तो कहीं ओलावृष्टि होने लगती है।

भूकंप, ( Earthquake ) ज्वालमुखी, (Volcano) भूसखलन, (Landslides) सुनामी (Tsunami) आदि प्राकृतिक घटनायें ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण ही उत्पन्न हो रही है। 

ग्लोबल वॉर्मिंग और भारत Global warming or india 

भारत देश भी अन्य देशों की तरह ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या से जूझ रहा है। विश्व की तरह भारत में भी ग्लोबल वॉर्मिंग से यातायात, खेल, कृषि, श्रम उत्पादन तथा स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ा है।

हिन्द महासागर अधिक तेजी से गर्म हो रहा है, जिस कारण दक्षिणी भारत के क्षेत्र तथा कुछ बंदरगाह कोलकाता, मुंबई, सूरत आदि भयानक बारिश तथा बाढ़ की चपेट में आ सकते है।

हिमालय के लोगों को अतिवृष्टि, ओलाबारी तूफ़ान का सामना करना पड़ सकता है। भारत के कई क्षेत्रो में ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण त्वचा के रोग,

मलेरिआ, कैंसर जैसे रोग उत्पन्न होने की सम्भावना बढ़ सकती है। आने वाले कुछ दशकों में भारत ग्लोबल वॉर्मिंग से बुरी तरह प्रभावित देश होगा। 

ग्लोबल वॉर्मिंग रोकने के उपाय Solution of global warming 

ग्लोबल वॉर्मिंग मनुष्य और अन्य जीव जंतुओ के जीवन पर खतरा है। इसलिए ग्लोबल वॉर्मिंग के रोकथाम के उपाय सभी मनुष्यों को करना चाहिए।

ग्रीन हाउस गैस ग्लोबल वॉर्मिंग का मुख्य कारण है। इसलिए सबसे पहले मनुष्य को सरकार के साथ मिलकर ग्रीन हॉउस गैसो के उत्सर्जन

करने वाले साधनों का कम प्रयोग तथा सरकार को उद्योगो पर रोक लगा देनी चाहिए। वृक्षारोपण (Tree plantation) को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

प्रत्येक मनुष्य को कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए। ग्रीन हाउस गैसो क्लोरोफ्लोरो कार्बन गैस, नाइट्रस ऑक्साइड गैस उत्पन्न करने वाले उद्योगो पर रोक तथा उन गैसो का निपटारा किया जाना चाहिए

और ग्रीन हॉउस गैस उत्पन्न करने वाले उपकारणों पर प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए। एयर कंडीशनर, फ्रीज़, कूलिंग मशीनो का उपयोग कम कर देना चाहिए।

प्रत्येक व्यक्ति को जनसंख्या विस्फोट (Population explosion) रोकने के प्रयास किये जाने चाहिए। पड़े लिखें लोगों को अनपढ़ लोगों को ग्लोबल वार्मिंग के बारे में बताना चाहिए कई प्रकृति मित्र एनजीओ को नुक्कड़ नाटक की सहायता से

लोगों को ग्लोबल वार्मिंग के प्रति जागरूक करना चाहिए पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण, पशुचारण पर नियंत्रण आदि से काफी हद तक ग्लोबल वॉर्मिंग से राहत मिल सकती है। 

निष्कर्ष Conclusion 

ग्लोबल वॉर्मिंग एक ऐसी समस्या है, जिससे समूचा विश्व डरा हुआ है। कियोकि यह मनुष्य के साथ सभी जीव जंतुओ तथा वनस्पतियों के अस्तित्व के लिए खतरा उत्पन्न कर रही है।

इसलिए मनुष्य और प्रत्येक देश को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। ग्लोबल वॉर्मिंग को कम करने के लिए ग्रीन हॉउस गैसो के उत्सर्जन पर

रोक लगाना चाहिए, अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना करना चाहिए, प्राकृतिक स्रोतों का दोहन रोकना चाहिए,तभी मनुष्य पृथ्वी पर अपना अस्तित्व कायम रख सकता है।

दोस्तों इस लेख में आपने ग्लोबल वॉर्मिंग निबंध इन हिंदी (Essay on Global warming in hindi) पड़ा, आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।

FAQs For Global Warming

Q.1. ग्लोबल वार्मिंग क्या है in Hindi?

Ans :- पृथ्वी के तापमान में ग्रीन हॉउस गैंसो के कारण हो रही लगातार वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग कहते है।

Q.2. ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण क्या है?

Ans:- ग्लोबल वार्मिंग के मुख्य कारण में कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) मीथेन (CH4) नाइट्रस ऑक्साइड (NO2) क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) आदि।

Q.3. ग्लोबल वार्मिंग की खोज कहां और किसने की थी?

Ans :- ग्लोबल वार्मिंग की खोज 1896 में स्वीडिश वैज्ञानिक Svante Arrhenius द्वारा एक मौलिक पत्र ने पहली बार भविष्यवाणी की थी कि वायुमंडलीय कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को बदलकर ग्रीनहाउस प्रभाव के माध्यम से सतह के तापमान को काफी हद तक बदल सकते है।

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