जल ही जीवन है पर निबंध Essay on water is life in hindi
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है इस लेख जल ही जीवन है पर निबंध हिंदी में (Essay on water is life in hindi)। दोस्तों यहाँ पर आप जल ही जीवन है पर निबंध
प्रमुख हैडिंग के साथ पड़ पायेंगे। दोस्तों यह निबंध कक्षा 1से लेकर 12 वीं तथा उच्च कक्षाओं में पूँछा जाने वाला निबंध Essay) है, तो दोस्तों आइये पढ़ते है जल ही जीवन है पर निबंध:-
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प्रमुख हैडिंग के साथ पड़ पायेंगे। दोस्तों यह निबंध कक्षा 1से लेकर 12 वीं तथा उच्च कक्षाओं में पूँछा जाने वाला निबंध Essay) है, तो दोस्तों आइये पढ़ते है जल ही जीवन है पर निबंध:-
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जल पृथ्वी पर परमेश्वर द्वारा सभी प्राणियों के लिए वह अमूल्य सम्पदा है, जिसका कर्ज कोई चुकता नहीं कर सकता है। वास्तव में जल ही सभी प्राणियों का जीवन है और इसके बिना जीवन की सम्भवना करना असंभव है।
पृथ्वी पर जल महासागरों, सागरों, तालाबों, झीलों, नादियों, गलेसियर आदि के रूप में पाया जाता है, जो सम्पूर्ण पृथ्वी पर लगभग 71% तक पाया जाता है, किन्तु यह सम्पूर्ण जल मनुष्य द्वारा उपयोगी नहीं है।
मनुष्य पृथ्वी के अंदर का जल उपयोग में लाता है, जिसके लिए मनुष्य ट्यूपबेल, कुओं, नल आदि का सहारा लेते है। कहीं- कहीं नादियों तथा झीलों का जल भी उपयोग में लाया जाता है।
किन्तु बढ़ती जनसंख्या प्रदूषण और औधोगिकीकरण (Industrialization) से प्रकृति में परिवर्तन हुआ है, जिस कारण पृथ्वी का वाटर लेवल कम होने लगा बरसात ना होने से जगह - जगह सूखा की स्थिति उत्पन्न होने लगी है।
विभिन्न गैसो के कारण अम्ल वर्षा हो रही है जल के जो श्रोत नदियाँ झीले कुआँ आदि है प्रदूषित हो रहे है और मनुष्य तथा जीव जंतु प्रदूषित जल पीने से कई रोगों के शिकार हो रहे है।
इस समस्या से निजात पाने के लिए मनुष्य को जल के महत्व को समझना चाहिए तथा वृक्षारोपण करके, सूखा ग्रस्त क्षेत्रों को हरा - भरा करना चाहिए जल को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए।
वर्षा के जल को रोकना चाहिए ताकि पृथ्वी का वाटरलेबल बड़े। वरना वह दिन दूर नहीं जब पृथ्वी से जल के आभाव में जीवन ही नष्ट हो जायेगा।
जल ही जीवन है निबंध हिंदी में 200 शब्द Essay on water is life in hindi
यहाँ पर जल ही जीवन है, पर निबंध 200 शब्दों में समझाया गया है, यह निबंध कक्षा 5 तक के छात्र - छात्राओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।
- प्रस्तावना Preface
जल एक अमूल्य संपदा है, जिसको प्रकृति ने सभी जीव जंतुओं मनुष्यों तथा वनस्पतियों को प्रदान किया है। विधाता ने सबसे पहले पृथ्वी पर जल का निर्माण किया है। क्योंकि एक जल एक वह वरदान है,
जिसके कारण पृथ्वी पर जीवन संभव है। आज धरती जो हरी भरी है जीवन है, खुशहाली है, पेड़ पौधे प्राणी हैं, वह सब जल की ही कारण संभव है। इसीलिए जल ही जीवन का आधार माना जाता है और जल के बिना जीवन की बिल्कुल भी कल्पना नहीं की जा सकती।
- जल का महत्व Importence of water
जल मनुष्य जीव-जंतु पेड़-पौधे वनस्पतियों सभी के लिए ही बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि जल के द्वारा ही विभिन्न प्रकार की जैव रासायनिक क्रियाएँ होती है,
जिसके कारण जीव जंतु वनस्पतियां सभी विकास और वृद्धि करते हैं। जल मनुष्य और सभी जीव जंतुओं के लिए पीने के काम में आता है इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के घरेलू कार्य तथा उद्योग पैमाने पर अन्य कार्य जल के बिना संभव नहीं हो सकते।
विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का निर्माण जल के द्वारा ही होता है। पेड़ पौधे पृथ्वी से जल का अवशोषण करते हैं, तथा प्रकाश संश्लेषण के फलस्वरूप भोज्य पदार्थों का निर्माण करते हैं और मनुष्य को प्राणवायु ऑक्सीजन प्राप्त होती है।
अर्थात जल से ही मनुष्य को ऑक्सीजन प्राप्त होती है। पेड़ पौधे विभिन्न प्रकार के फल बनाते हैं, इसमें जल का महत्वपूर्ण भाग होता है, इसीलिए कहते हैं, कि कोई भी प्राणी क्यों ना हो चाहे बनस्पति हो या जीव जंतु सभी के लिए जल बहुत ही महत्वपूर्ण है।
- उपसंहार Conclusion
जीवन का आधार जल को ही माना जाता है, क्योंकि जल के बिना जीवन ही संभव नहीं है। इसलिए सभी मनुष्यों को जल के महत्व को समझना चाहिए तथा जल संरक्षण के उपाय करने चाहिए,
क्योंकि वर्तमान में जल की कमी के कारण भयंकर का संकट उत्पन्न हो रहे हैं। अतः मनुष्य को जलसंपदा को सुरक्षित रखना चाहिए तथा संरक्षित करना चाहिए।
जल ही जीवन है पर निबंध Essay on water is life in hindi
यहाँ पर जल ही जीवन है पर निबंध (Essay on water is life) साधारण भाषा में प्रमुख हेडिंग्स के साथ समझाया गया है, यहाँ से आप जल ही जीवन है पर निबंध लिखने का आईडिया भी ले सकते है:-
प्रस्तावना Preface
पृथ्वी की रचना पांच तत्वों जल, पृथ्वी, अग्नि, आकाश और वायु के मिलने से हुई है। इनके बिना जीवन की संभावना कदापि नहीं की जा सकती।
यही पाँच तत्व सृष्टि का आधार होते हैं, क्योंकि इनमें से कोई भी एक तत्व नहीं होगा तो इस सृष्टि की भी कल्पना नहीं की जा सकती।
इसलिए पृथ्वी की रचना में इन पांचों तत्व की महत्वपूर्ण भूमिका है, इनमें से सभी अपना अपना महत्त्व भी रखते हैं। उन्हीं तत्वों में से एक तत्व का नाम है 'जल'
जल सृष्टि की एक अमूल्य संपदा (Priceless wealth) है, जिसके बिना पशु-पक्षी, जीव-जंतु वनस्पतियों का जीवन संभव नहीं है।
जल का रासायनिक नाम (Chemical Name) डाईहाइड्रोजन मोनोऑक्साइड और रासायनिक फार्मूला (Chemical Formula) H2O होता है,
जो पृथ्वी पर लगभग 71% स्थान घेरे हुए हैं। यह सागरों में महासागरों में नदियों में झीलों में तथा पृथ्वी के अंदर भी पाया जाने वाला तत्व होता है।
जल के स्रोत Sources of water
जल पाँच मूल्य तत्वों में से एक प्रमुख तत्व होता है जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसलिए विधाता ने पृथ्वी पर जल भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराया है।
अपनी आवश्यकता के लिए जल प्राप्त करने के विभिन्न प्रकार के स्रोत मनुष्य के पास उपलब्ध हैं, किंतु जल का मूल स्रोत वर्षा को माना जाता है।
वर्षा का जल ही नदियों में, तालाबों में, जलाशयों में और समुद्रो में एकत्र होता रहता है। इसके अलावा पहाड़ों पर जमने वाली बर्फ पिघलकर जल का रूप ले लेती है, जिससे नदियों का और झीलों का निर्माण होता है।
जमीन के अंदर से भी जल प्राप्त किया जाता है। भौम जल प्राप्त करने के लिए कुआँ, नलकूप आदि का उपयोग होता है।
पृथ्वी पर पीने हेतु जल मात्र 2.5-2.75 % ही उपलब्ध है, क्योंकि यह जल मीठा और उपयोग करने के लायक होता है समुद्रों में भरा हुआ जल खारा होता है।
क्योंकि उसमें विभिन्न प्रकार के कैल्शियम तथा मैग्नीशियम की लवण (calcium and magnesium salts) उपस्थित होते हैं। जिसे बिना उपचारित किये उपयोग नहीं कर सकते।
जल का जीवन में महत्व Importance of water in life
पृथ्वी के सभी जीव जंतु और पशु पक्षियों वनस्पति पौधों को जल की आवश्यकता होती है। जल के बिना इनका जीवन (Life) संभव नहीं होता, अर्थात जल के कारण ही संसार में जीवन है।
कियोकि जल के द्वारा ही पेड़ पौधों की सिंचाई होती है। पेड़ पौधे तथा वनस्पति जल ग्रहण करके मनुष्य के लिए फल तथा अनाज उत्पन्न करते हैं।
इसलिए खाद्यान्न उत्पादन के लिए जल का होना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। जल का उपयोग मनुष्य के द्वारा विभिन्न दैनिक कार्यों में होता है।
जल के द्वारा ही घरों की साफ-सफाई, शरीर की साफ सफाई होती है, खाना बनाने के लिए जल का उपयोग होता है, जल का ही उपयोग पीने के लिए होता है।
अगर मनुष्य और जीव-जंतुओं को जल पीने के लिए नहीं मिलता तो मनुष्य अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकता। धरती पर जो हरियाली दिखाई देती है,
फल फूल, फसलें जीव जंतु उछलते कूदते और जीवन यापन करते दिखाई देते हैं। सब जल के द्वारा ही संभव हो पाता है, इसलिए पृथ्वी पर जल का अस्तित्व बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिसके द्वारा पृथ्वी पर जीवन उपलब्ध है।
जल का आभाव lack of water
कुछ विगत वर्षों से इस पृथ्वी पर जल की लगातार कमी होती जा रही है। बरसात कम हो रही है, धरती का जल स्तर कम होता जा रहा है।
जल के अभाव की यह भयानक समस्या भारत ही नहीं वरन विश्व के सभी देशों में उत्पन्न होने लगी है। कुछ क्षेत्र तो ऐसे हैं जहाँ पर जल के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई हैं।
जल के अभाव में रेगिस्तान का विस्तार हो रहा है, जीव जंतु मर रहे हैं, वनस्पतियाँ लुप्त होती जा रही हैं, बहुत से प्राकृतिक जलाशय तथा झीलें सूख चुकी हैं।
भारत सहित अन्य देशों में कुछ क्षेत्र तो ऐसे हैं, जहाँ पर जल का संकट इस कदर से छाया हुआ है, कि उन्हें पीने के पानी के लिए भी 5 से 10 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
जल का अभाव एक विश्वव्यापी समस्या है, जिससे मनुष्य के साथ ही सभी पशु पक्षी जीव जंतु तथा वनस्पतियाँ प्रभावित हो रही हैं और अपना अस्तित्व खोती जा रही है।
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जल समस्या का समाधान Solution of water problem
जल की समस्या का समाधान करने के लिए सबसे पहले मनुष्य को उन कारणों का पता लगाना होगा, जिन कारणों से जल की समस्या उत्पन्न हो रही है।
विभिन्न वैज्ञानिकों तथा विचारक मनुष्य के द्वारा जल की समस्या के विभिन्न कारण बताए गए हैं, जिनमें मुख्य कारण मनुष्य का भौतिकवादी होना ही है।
आज के समय में लगातार जनसंख्या (Population) बढ़ने के कारण वृक्षों को काटा जा रहा है, वनों को साफ किया जा रहा है, जो वर्षा का कारण होते हैं।
मनुष्य की जनसंख्या बढ़ने के कारण औद्योगीकरण (Industrilization) बढ़ता जा रहा है, पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, जिसके कारण पर्यावरण असंतुलित हो चुका है, और प्राकृतिक जल धाराएंँ सूखने लगी है।
पृथ्वी के अंदर का जल स्तर लगातार कम होता जा रहा है इसका कारण मनुष्य ही है। जल की समस्या से निपटने के लिए पर्यावरण संतुलन करना बहुत ही आवश्यक हो जाता है।
इसके लिए जगह-जगह वृक्षारोपण किया जाना चाहिए, नदियों नालों से जो जल बहकर समुद्र में पहुँच जाता है, उसको रोकना चाहिए, तथा उपयोग में लाया जाना चाहिए। वर्षा के जल को इकट्ठा करना चाहिए।
जल संरक्षण (Water Conservation) के लिए विभिन्न प्रकार की वैज्ञानिक पद्द्तियों का उपयोग जल की समस्या का समाधान करने के लिए किया जाना चाहिए।
पृथ्वी के जल के स्तर को बढ़ाने के लिए वर्षा का जल का उपयोग तथा संग्रह किया जाना चाहिए, तभी जाकर जल की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
उपसंहार Conclusion
जल समस्या एक ऐसी समस्या है, जो एक विशेष देश में ही नहीं है अपितु संसार के विभिन्न देशों में देखने को मिल रही है। अगर इस समस्या को ध्यान में नहीं लिया और जल संरक्षण नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं है
जब पृथ्वी पर से इंसान और जीवन का अस्तित्व सदा के लिए नष्ट हो जाएगा। पृथ्वी पर जीवन नहीं रहेगा, वनस्पतियाँ नष्ट हो जाएंगी, इसलिए जल बहुत आवश्यक है। अतः समय आ गया है
कि बिना विलंब किए मानव को जल के अपव्यय को रोकना चाहिए, उसका संरक्षण करना चाहिए वर्षा जल का संग्रहण तथा जल का दुरुपयोग रोकना चाहिए तभी जाकर जल रूपी विकराल समस्या से हम निजात पा सकते हैं।
दोस्तों इस इस लेख में आपने जल ही जीवन है पर निबंध (Essay on water is life in hindi) पड़ा आशा करता हूँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
- FAQ for water is life
Q.1. जल कैसे बनता है?
Ans. जल का रासायनिक फार्मूला H2O होता है, जिससे ज्ञात होता है की जल हाईड्रोजन (H) तत्व के दो भाग तथा ऑक्सीजन (O) तत्व के एक भाग से मिलकर बना होता है।
Q.2. जल ही जीवन है क्यों?
Ans. जल ही जीवन है अर्थात जीवन का आधार है, कियोकि जल की उपस्थिति में ही जीवन की सभी मूलभूत क्रियाये संपन्न होती है।
Q.3. शुद्ध जल कौन सा है?
Ans. वर्षा के जल को सबसे शुद्ध जल के रूप में जाना जाता है।
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