लाल किला पर निबंध Essay on Red Fort
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख लाल किला पर निबंध (Essay on Red fort) में। दोस्तों इस लेख में आप लाल किला कहाँ है?
उसका निर्माण किसने किया आदि सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को जान पायेंगे। तो आइये दोस्तों करते है, यह लेख शुरू लाल किला का निबंध:-
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प्रस्तावना Introduction
लाल किला किसने बनबाया महत्व Who built Red fort and Importence
उपसंहार Conclusion
लाल किला पर निबंध Essay on Red Fort in hindi
प्रस्तावना Introduction
भारत एक ऐसा देश है,जहाँ पर ऐतिहासिक सांस्कृतिक (Historical cultural) विभिन्न प्रकार की ऐसी कलाकृतियाँ देखने को मिलती हैं, जिन्हें देखने मात्र से मन शांत और प्रसन्न हो जाता है,
लोग आश्चर्य के सागर में इस कदर डूब जाते हैं कि वह अनुमान ही नहीं लगा पाते कि ऐसी भव्यता और सुंदरता का प्रतीक भारतवर्ष रहा है, तथा भारतवर्ष की संस्कृति इतिहास पर लोग गर्व करते है।
भारतवर्ष में ऐसे ही विभिन्न प्रकार के अनूठे उदाहरण देखने को मिलते हैं, जिन्हें देखने के लिए देश-विदेश से लाखों पर्यटक प्रतिवर्ष आते रहते हैं।
भारतवर्ष में प्राचीन राजा महाराजाओं के द्वारा अक्सर विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों से युक्त राजमहल, किलो का निर्माण किया गया है।
उन्हीं में से एक किला है 'लाल किला' जो भारत की राजधानी दिल्ली के समीप ही पुरानी दिल्ली जिसे शाहजहानाबाद (Shahjahanabad) के नाम से भी जाना जाता है में स्थित है।
यह मुगल काल का स्थापत्य और वास्तुकला का अद्भुत नमूना है, जिसे संपूर्ण विश्व में लाल किले के नाम से जाना जाता है।
वर्तमान में यहाँ राष्ट्रीय पर्वों के उपलक्ष में प्रधानमंत्री (Prime Minister) के द्वारा ध्वजारोहण तथा भारत देश की जनता को संबोधित किया जाता है।
लाल किला किसने बनवाया था who built Red fort
भारत की ऐतिहासिक नगरी दिल्ली में स्थित लाल का निर्माण मुगल सम्राट जहांगीर के पुत्र शाहजहाँ ने 17 वीं शताब्दी (1939-1968) में निर्मित करवाया था।
शाहजहाँ ने लाल किले का निर्माण अपनी राजधानी के रूप में करवाया था जो पूरी तरह से लाल रंग का है।क्योंकि इसका निर्माण एक विशेष प्रकार के लाल बलुआ पत्थर से किया गया है,
इसी कारण इस किले का नाम भी लाल किला रख दिया गया था, किंतु प्रारंभ में इसका नाम किला ए मुबारक था, जिस पर लगभग 200 वर्ष तक मुगल सभ्यता का सम्राज्य रहा।
भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 के बाद अंग्रेजों ने अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर को कैद कर लिया तथा लाल किला को अपने नियंत्रण में ले लिया।
लाल किला मुगल काल की वास्तुकला तथा स्थापत्य कला का एक अद्भुत नमूना है। जो आज भी जीवंत इतिहास बनकर हमारे सामने खड़ा है।
लाल किला का सौंदर्य, भव्यता, वास्तुकला तथा आकर्षण को देखते हुए यूनेस्को ने लाल किला को 2007 में विश्व धरोहर सूची (list of world heritage) में शामिल किया है।
लाल किले के प्रसिद्ध स्थल Popular places of Red fort
लाल किला इस प्रकार से बनाया गया की लाखों की संख्या में पर्यटक इसकी कलाकृतियाँ देखने के लिए देश तथा विदेश से आते है।
यमुना नदी के तट पर बने इस खास मुगल ईमारत के प्रसिद्ध देखने योग्य ईमारते निम्नप्रकार से है:-
छाबरी बाजार – इसका निर्माण ठीक लाल किले के सामने किया गया है।
लाहोरी दरवाजा – यह लाल किले का मुख्य दरवाजा कहलाता है। इसका मुख लाहौर की और है, इसलिए इसको लाहौरी दरवाजा कहा जाता है। इसी स्थान पर माननीय प्रधानमंत्री द्वारा प्रमुख राष्ट्रीय पर्व पर ध्वजारोहण किया जाता है।
दिल्ली दरवाजा – इस दरवाजे का निर्माण दक्षिण की ओर है। इसका आकार आकृति तथा बनावट बिलकुल मुख्य दरवाजे लाहोरी दरवाजे के समान है।
इस दरवाजे के दोनों और पत्थर काटकर विशाल हाथियों का आकार दिया गया है, किन्तु इस दरवाजे को मुगल शासक औरंगजेब ने तुड़वा दिया था। लेकिन 1903 में अंग्रेज अधिकारी ने इसका निर्माण फिर से करवाया।
पानी दरवाजा – पानी दरवाजा एक छोटा दरवाजा है, जो दक्षिण पूर्व में बना हुआ है। यह दरवाजा यमुना नदी के तट के बिल्कुल समीप था। इसलिए इसका यह नाम पानी दरवाजा पड़ गया।
चट्टा चौक – जैसे ही मुख्य दरवाजा लहौर दरवाजा से अंदर जाते है, तो सामने ही चट्टा बाजार है, जिसे चट्टा चौक भी कहा जाता है।
इस स्थान पर मुगलकाल में हाट /बाजार लगा करता था। जिसमें मुख्य - मुख्य वस्तुएँ सिल्क से बने वस्त्र, कीमती आभूषण और भी अन्य कई आइटम बेचे जाते थे।
नौबत खाना – नौबत खाना को नक्कर खाना भी कहते है, जो लाहोर गेट के पूर्व में स्थित है। नौबत खाना एक अत्यंत सुन्दर महल है,
जिसका निर्माण उस समय के संगीतकारों के लिए विशेष तौर पर करवाया गया था। इस स्थान पर प्रतिरात्रि को संगीत और संध्यावंदन का आयोजन किया जाता था।
दीवान-ए-आम – यह राजा का न्यायालय (Court) हुआ करता था। मुगल शासक यहाँ पर बैठकर सभी न्याय सम्बन्धी फैंसला लिया करते थे।
यह 540 फीट चौड़ा व् 420 फीट गहरा बना हुआ है, जिसके चारों ओर गैलरी बनी हुई है तथा ठीक सामने प्रजा के बैठने के लिए बरामदा बना हुआ है।
मुमताज महल – इस महल का नाम मुगल शासक शांहजहाँ ने अपनी प्रिय रानी मुमताज़ महल के लिए करवाया था। यहाँ पर मुगल शासकों की रानियाँ दासियों के साथ रहा करती थी। आज के समय में मुमताज महल को संग्रहालय में बदल दिया है।.
रंग महल – इस महल का निर्माण भी मुमताज महल की तरह ही रानियों के लिए किया गया था। यहाँ बीच में एक पूल भी था, जिसे नहर-ए-बहिश्त (यह एक नहर थी, जो यमुना नदी से महल को जोड़ती थी) के द्वारा भरा जाता था।
दीवाने खास – दीवाने आम के उत्तर की तरफ दीवाने खास का निर्माण किया गया है। जो संगरमर और बहुमूल्य पत्थरों से बनाया गया था। इसे शासक का निजी कक्ष कहते थे। इसलिए यह बहुमूल्य पत्थर व् रत्नों से बनाया गया था।.
मोती मस्जिद – इस मस्जिद का निर्माण औरंगजेब के द्वारा 1659 में करबाया गया था, जो औरंगजेब की निजी मस्जिद थी।
हयात बख्स बाग - हयात बख्स बाग लाल किले के उत्तर दिशा में निर्मित किया गया है इस बात को जीवनदायिनी उद्यान के नाम से भी जाना जाता है। यह दो कुल्याओं द्वारा द्विभाजित किया गया है।
एक मण्डप उत्तर दक्षिण कुल्या के दोनों छोरों पर स्थित हैं एवं एक तीसरा बाद में अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर द्वारा 1842 बनवाया गया था। यह दोनों कुल्याओं के मिलन स्थल के केन्द्र में बना है।
लाल किला का महत्व Importence of Red fort
भारत में कई ऐसी ऐतिहासिक ईमारतें बनी है, जो विश्व प्रसिद्ध है और संस्कृतिक तथा ऐतिहासिक महत्त्व (Cultural and Historical) रखती है। उन्ही में से एक है, लाल किला जो भारत की राजधानी नई दिल्ली के निकट पुरानी दिल्ली में स्थित है।
यह दिल्ली का मुख्य पर्यटन स्थल भी माना जाता है। यहाँ हजारों की संख्या में प्रत्येक दिन देश के कोने -कोने से तथा विदेशों से पर्यटक आते है।
लाल किला हफ्ते में 6 दिन आम जनता के लिए खुला रहता है, जबकि सोमवार को बंद रहता है। यहाँ अंदर जाने के लिए भारतियों की टिकट 10 रूपए व् विदेशियों की 150 रूपए की मिलती है।
तथा इसके खुलने का समय सुबह 9:30 से शाम 4:30 बजे तक का होता है। लाल किला में रोज शाम को साउंड व् लाइट शो (Sound and light show) होता है, जो मुगलों के इतिहास को दर्शाता है।
इस लाइट शो को देखने के लिए अलग से 50 रूपए का चार्ज लगता है। यहाँ के लाइट शो को पर्यटकों का मुख्य आकर्षण का केंद्र माना जाता है।
यहाँ के अधिकतर महल पहले की तरह ही सजे रहते है,ताकि लोग हमारी पुरानी संस्कृति को करीब से जान सके, और इतिहास को भी देख पायें।
यहाँ की कलाकृतियाँ स्थापत्य कला का अनूठा उदाहरण पेश करती है। यहाँ मस्जिद, हमाम को जनता के लिए बंद करके रखा हुआ है. लाहोर गेट को भी हस्तकला के द्वारा सजाया गया है।
यहाँ के संग्रहालय (Museum) में बहुत सी पुरानी ऐतिहासिक मुगलकालीन वस्तुयों के साथ विभिन्न प्रकार की ऐतिहासिक सामग्री संग्रहित है।
लाल किला के बारे में रोचक तथ्य Interesting fact about Red Fort
लाल किला भारत देश की राजधानी नई दिल्ली के पास पुरानी दिल्ली जिसे शाहजहानाबाद के नाम से जाना जाता है मैं स्थित है।
शाहजहानाबाद जिसे पुरानी दिल्ली (Old delhi) के नाम से जाना जाता है, को मुगल सम्राट शाहजहाँ ने ही बसाया था।
लाल किला में प्रवेश करने के लिए दो गेट हैं लाहौरी गेट और दिल्ली गेट लाहौरी गेट से सभी पर्यटक (Tourist) लाल किले में प्रवेश करते हैं, जबकि दिल्ली गेट से केवल वीआईपी लोग ही प्रवेश करते हैं।
लाल किले का निर्माण कार्य 1639 ईस्वी में शुरू हुआ था जो 1648 ईस्वी में पूर्ण हुआ लगभग लाल किले के निर्माण में 9 साल का समय लगा।
लाल किले की लंबाई 900 मीटर तथा चौड़ाई 550 मीटर है, जिसमें नौबत खाना, दीवाने आम, मुमताज महल, रंग महल, खास महल, दीवाने खास, हमाम, हयात बख्श बाग प्रमुख बगीचे बने हुए हैं।
भारत के 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेजों ने मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर को बंदी बना लिया था तथा लाल किले को अपने अधिकार में (Under Controll) ले लिया था।
लाल किले का आकार अष्टकोणीय (Octagonal) है जो 256 एकड़ में फैला हुआ है।
लाल किले की डिजाइन तैयार करने वाले वास्तुकार उस्ताद हामिद और अहमद थे।
दोस्तों यहाँ पर आपने लाल किला पर निबंध (Essay on Red Fort) पड़ा इसमें आपने लाल किला का ऐतिहासिक महत्व लाल किला किसने निर्माण करवाया था
लाल किला का सांस्कृतिक महत्व आदि के साथ लाल किला के बारे में विभिन्न प्रकार के रोचक तथ्य जाने आशा करता हूँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
FAQ For Red Fort
लाल किला कब बंद रहता है?
लाल किला प्रत्येक सोमवार को बंद रहता है
लाल किला कितने एकड़ में बना हुआ है?
किले का निर्माण 254.67 एकड़ क्षेत्रफल में हुआ है।
लाल किले का टिकट कितने का है?
भारतीय बच्चों और वयस्कों को लाल किला का केवल स्मारक घूमने का टिकट कर्मश: 35 रुपए और 50 रुपए है। वहीं स्मारक और संग्रहालय दोनों देखने का टिकट क्रमश: 56 रुपए और 80 रुपए का है, जबकि विदेशियों के लिए 550 रु का टिकिट है।
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