लाइसोसोम किसे कहते हैं खोज, प्रकार कार्य what is lysosome

लाइसोसोम किसे कहते हैं खोज प्रकार कार्य what is lysosome 

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत-बहुत स्वागत है, आज के हमारे इस लेख लाइसोसोम किसे कहते हैं खोज, प्रकार, कार्य (what is lysosome) में।

दोस्तों इस लेख के माध्यम से आपको कोशिका (Cell) के एक प्रमुख अंगक लाइसोसोम के बारे में जानेंगे कि, लाइसोसोम क्या है? लाइसोसोम का कार्य क्या है? तो आइए दोस्तों बढ़ते हैं, आज के इस लेख में लाइसोसोम किसे कहते हैं:-

लाइसोसोम किसे कहते हैं


लाइसोसोम किसे कहते हैं what is lysosome 

लाइसोसोम केवल जंतु कोशिका (Animal Cell) में पाए जाने वाले वह छोटे-छोटे कण होते हैं, जो कोशिका के कोशिका द्रव में बिखरी हुई अवस्था में पाए जाते हैं।

यह इतने छोटे और महीन होते हैं, जिन्हें नग्न आंखों से देखना मुमकिन नहीं होता इसलिए इन्हें देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी या फिर इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी (Electron Microscope) का प्रयोग किया जाता है।

लाइसोसोम गोलाकार कण होते हैं, जिनका व्यास 0.4-0.8 माइक्रोन तक का होता है, जो केवल एक यूनिट मेंम्ब्रेन से निर्मित होते हैं

तथा इनके अंदर विभिन्न प्रकार का सघन मैट्रिक्स अर्थात पाचक एंजाइम भरे हुए होते हैं। यह पाचक एंजाइम भोज्य पदार्थों का पाचन करते हैं।


लाइसोसोम की खोज किसने की who discovered the lysosome

लाइसोसोम की खोज 1955 में क्रिस्चियन डी. बी डूबे ने की थी, जो प्रोकैरियोटिक कोशिका, पादप कोशिका आदि को छोड़कर सभी जंतु कोशिकाओं में पाई जाती है तथा एक यूनिट मेंब्रेन के द्वारा निर्मित होती है।

लाइसोसोम में विभिन्न प्रकार के घातक पाचक एंजाइम पाए जाते हैं, जो कोशिका में निर्मित विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट तथा घातक पदार्थों का पाचन तथा भोज्य पदार्थों का पाचन का कार्य करता है।


लाइसोसोम के विभिन्न एंजाइम Different enzymes of lysosome

  1. न्यूक्लियेजेज - इस एंजाइम का कार्य न्यूक्लिक अम्लों का नाइट्रोजन क्षार, फास्फेट तथा शर्करा में जल अपघटन करना होता है।
  2. फास्फेटेजेज - यह एंजाइम कोशिका में विभिन्न प्रकार के फास्फेट यौगिकों का जल अपघटन कर उन्हें सरल यौगिकों में तोड़ता है।
  3. प्रोटियेजेज - इस एंजाइम का कार्य कोशिका के विभिन्न प्रोटींस का जल अपघटन कर उन्हें अमीनो अम्ल में परिवर्तित करना होता है।
  4. ग्लाइकोसाइडेजेज - यह एंजाइम जटिल कार्बोहाइड्रेट्स पॉलिसैकेराइड, डाईसेकेराइडस आदि का जल अपघटन कर उन्हें सरल कार्बोहाइड्रेट में तोडना होता है।
  5. सल्फेटेजेज - इस एंजाइम का प्रमुख काम विभिन्न प्रकार के सल्फेट यौगिकों का जल अपघटन कर उन्हें तोड़ना होता है।
  6. लाइपेजेज - इस एंजाइम का कार्य लिपिड अणुओ का सरल गिलिसरोल तथा वसीय अम्लों में जल अपघटन करना होता है। 

यह सभी एंजाइम लाइसोसोम के अंदर एक झिल्ली के द्वारा गिरे हुए रहते हैं, यदि यह किसी भी कारणवश टूट जाती है तो यह सभी पाचक एंजाइम संपूर्ण कोशिका में फैल जाएंगे और सभी अंगों को पचाकर नष्ट कर देंगे

इस क्रिया को स्वभक्षण कहा जाता है और लाइसोसोम को कोशिका का आत्मघाती थैला (Suicide bag) कहते हैं। लाइसोसोम मुख्य रूप से निम्न रूप में पाए जाते है। 

  1. मूल लाइसोसोम - इन्हें प्राथमिक लाइसोसोम के नाम से भी जाना जाता है, जो गोल थैलीनुमा संरचना जैसी होती हैं। मूल लाइसोसोम की उत्पत्ति गॉलजी बॉडी से होती है, जिसमें विभिन्न प्रकार के ताजे एंजाइम भरे हुए होते हैं, जो कोशिका के आंतरिक पाचन में मदद अर्थात महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  2. फैगो लाइसोसोम - जब भी कोई कोशिका किसी ठोस पदार्थ को भोजन के रूप में ग्रहण करती है, तब उस पदार्थ तथा उसके चारों ओर कोशिका द्वारा निर्मित झिल्ली को फैगोसोम कहते हैं। यह रचना मूल लाइसोसोम में जुड़ जाने से फैगो लाइसोसोम का रूप ले लेती है। इस प्रकार लाइसोसोम के एंजाइम भोज पदार्थ के सीधे संपर्क में आ जाते हैं तथा पदार्थ का पाचन आरंभ हो जाता है।
  3. अवशिष्ट काय - जब भोज्य पदार्थों से जुड़ने की क्रिया पूर्ण हो जाती है और पाचन हो जाने के बाद जो भी अपशिष्ट बचता है, उस पदार्थ को लाइसोसोम को अवशिष्ट काय के नाम से जाना जाता है।
  4. स्वभक्षी रसधानियाँ - जब कोशिका का कोई भी अंग किसी भी कारणवश निष्क्रिय हो जाता है, तब उसे लाइसोसोम की मदद से नष्ट करना होता है। ऐसी स्थिति में लाइसोसोम स्वयं की कोशिका के अंगो का भक्षण करने लगता है, इसलिए उसे स्वभक्षी रसधानियाँ के नाम से जाना जाता है।

लाइसोसोम का कार्य function of lysosome

लाइसोसोम के प्रमुख कार्य निम्न प्रकार से समझाने का प्रयास किया गया है:- 

  1. वाहय कणों का पाचन - कोशिका के अंदर प्रवेश किए हुए विभिन्न प्रकार के ठोस भोज्य पदार्थों के कणों का पाचन लाइसोसोम के द्वारा ही किया जाता है।
  2. स्वतः भक्षण- लाइसोसोम का कार्य कोशिका के अंदर किसी भी कोशिकांग निष्क्रिय हो जाना या नष्ट हो जाना की स्थिति में कोशिका के लाइसोसोम के द्वारा उसको अपघटित किया जाता है।
  3. निषेचन में सहायता - लाइसोसोम की सहायता से ही शुक्राणु के एक्रोसोम में विभिन्न एक्रोसोमल क्रियाएँ होती हैं, जिस कारण अंडाणु की दीवार को शुक्राणु भेदने में सफल हो पाता है। 
  4. अस्थि जनन - कार्टिलेज की अस्थि में परिवर्तन के समय लाइसोसोम कार्टिलेज का अपरदन करता है।

लाइसोसोम कोशिका के कोशिका द्रव में विभिन्न भोज्य पदार्थों तथा अन्य कणों का पाचन करता है, इसके साथ ही वह कोशिका के बाहर भी पाचन करता है, तथा कोशिका विभाजन को प्रेरित करने का कार्य करता है।

दोस्तों इस लेख में आपने लाइसोसोम किसे कहते हैं (what is lysosome) लाइसोसोम के बारे में अन्य तथ्यों को पड़ा। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।

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