एपीजे अब्दुल कलाम के विज्ञान के क्षेत्र में योगदान Contribution of APJ Abdul Kalam in field of science
हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है इस लेख एपीजे अब्दुल कलाम के विज्ञान के क्षेत्र में योगदान (Contribution of APJ Abdul Kalam in field of science) में।
दोस्तों यहाँ पर आप एपीजे अब्दुल कलाम कौन है? उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में क्या-क्या योगदान दिया आदि के बारे में समझाया गया है। तो आइये शुरू करते है यह लेख एपीजे अब्दुल कलाम के विज्ञान के क्षेत्र में योगदान:-
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एपीजे अब्दुल कलाम कौन है Who is APJ abdul kalam
आज भला ए.पी जे अब्दुल कलाम के बारे मे कौन नही जानता होगा। उन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता था, और साथ ही वह हमारे भारत के 11वे राष्ट्रपति भी रह चुके हैं।
इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (Abul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) था। उनका जन्म 15 अक्टूबर सन 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक साधारण और एक बहुत ही ज्यादा गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम और माता का नाम आशिमा जैनुलाब्दीन था।
वैसे तो अब्दुल कलाम के पिता का सपना था, कि उनका बेटा अब्दुल कलाम एक कलेक्टर बने। उस समय उनके परिवार की हालत बहुत ज्यादा खराब थी। कलाम के पिता को अपनी नाव मछुआरों को किराए पर देकर अपने घर को चलाना होता था। इसलिए कलाम ने बचपन से ही पैसे की अहमियत को समझ लिया था। क्योंकि उसने बचपन से ही गरीबी देखी थी।
वह बचपन से ही बहुत सरल और सहज स्वभाव के थे और उनका यह व्यवहार उनके आखिरी समय तक उनमें दिखाई देता था। वे जब 8 साल के थे, तभी से उन्होंने रोज एक आना कमाना शुरू कर दिया।
इसके लिए वे इमली के बीज को इकट्ठा करके बेचते थे, क्योंकि उस समय अचानक से ही इमली के बीजों का दाम बढ़ने लगा था। साथ ही उन्होंने बचपन में ही अखबार तक बेचकर पैसे कमाए थे। तो आज हम आपको एक ऐसे ही महापुरुष ए.पी.जे अब्दुल कलाम के बारे में बताने वाले हैं।
आज की इस आर्टिकल मे हम आपको उनके विज्ञान के क्षेत्र में योगदानो के बारे मे बतायेंगे जिससे कि आपको समझ आ जाएगा, कि आखिरकार इनको क्यों मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है। तो चलिए शुरू करते हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम के विज्ञान के क्षेत्र में योगदान Contribution of APJ Abdul Kalam in field of science
यह कहना गलत नहीं होगा कि आज भारत विज्ञान के क्षेत्र में जो भी प्रगति किया है, इसका कारण अब्दुल कलाम है। यही वजह है कि एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है।
क्योंकि उन्होंने एक से बढ़कर एक अद्भुत योगदान विज्ञान के क्षेत्र में दिए हैं। उन्होंने एक नहीं बल्कि कई ऐसे आविष्कार किए हैं, जो कि हमारे देश के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित हुए हैं। तो चलिए हम आपको एपीजे अब्दुल कलाम के विज्ञान के क्षेत्र में कुछ योगदान के बारे में बताते हैं।
विकलांगों के लिए कैलिपर्स का विकास Development of calipers for the handicapped
यह बात है उस समय की जब डब्ल्यू.एच.ओ यानी कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भारत को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया था, लेकिन सन 1995- 96 मैं अब्दुल कलाम और उनकी टीम ने ऐसे बच्चे, जो कि विकलांग है या फिर पोलियो ग्रस्त हैं, उनके लिए कैलिपर्स का आविष्कार किया,
जिसकी मदद से वह बिना दर्द के और बिना किसी परेशानी के चल सके। इसकी मदद से अब कोई भी ऐसा विकलांग बच्चा जो कि किसी परेशानी की वजह से चल नहीं सकता था, या फिर वह पोलियो से ग्रस्त था, अब इस कैलिपर्स की मदद से चल फिर सकते थे।
बैलिस्टिक मिसाइलों का विकास Development of ballistic missiles
बैलिस्टिक मिसाइलों के क्षेत्र में भारत को आगे लाने में सबसे बड़ा हाथ हमारे मिसाइल मैन यानी की अब्दुल कलाम का ही है। हमारे देश का सबसे पहला मिसाइल अब्दुल कलाम के निगरानी में ही बना था, और बैलेस्टिक मिसाइलों के विकास में भी अब्दुल कलाम का ही हाथ है। इसीलिए इन्हें मिसाइल मैन (Missile Man) के नाम से जाना जाता है।
अब्दुल कलाम ने देवीला और वेलियान्त स्थिति का भी नेतृत्व किया है। इसका मुख्य उद्देश्य था कि एसएलवी (Sattelite lounch Vhicle) के सफल तकनीक के बाद बैलिस्टिक मिसाइलों (Ballistic missiles) का भी उत्पादन करना, और भारत को बैलिस्टिक मिसाइलों के क्षेत्र में आगे लाना। यह सिर्फ अब्दुल कलाम के वजह से ही संभव हो पाया है।
पोखरण परमाणु परीक्षण Pokhran nuclear test
यह उस समय भारत सोच भी नहीं सकता था, कि वह भी परमाणु के क्षेत्र में कुछ कर सकता है, लेकिन अब्दुल कलाम की वजह से यह भी संभव हुआ। उस समय अब्दुल कलाम प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार (Scientific adviser) के रूप में कार्यरत थे, और उन्हीं की वजह से ही आज भारत का नाम परमाणु सशस्त्र राज्यो की सूची में शामिल है।
भारत को परमाणु मिसाइलों के क्षेत्र में आगे लाने का सारा का सारा क्रेडिट हमारे मिसाइल मैन अब्दुल कलाम को ही जाता है। क्योंकि पोखरण परमाणु के परीक्षण के पीछे उनका ही हाथ था। जुलाई 1992 से 1999 तक उन्होने D R D O और C E O के रुप मे उन्होंने पोखरण ।। के विस्फोट करने का निर्देशन दिया।
लड़ाकू विमान के क्षेत्र में अपना योगदान Contribution in the field of fighter aircraft
हमारे मिसाइल मैन यानी कि अब्दुल को सिर्फ ऐसे ही मिसाइल मैन के नाम से नहीं जाना जाता है। उन्होंने हमारे देश के लिए लड़ाकू विमान के क्षेत्र में भी अपना भरपूर योगदान दिया है। डॉक्टर अब्दुल कलाम पहले भारतीय थे, जिन्होंने लड़ाकू विमान को उड़ाने तथा नेतृत्व करने में अपना योगदान दिया था।
वह पहले ऐसे राष्ट्र अध्यक्ष थे जिन्होंने लड़ाकू विमान को उड़ाया था। मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से, वैमनीकी की विशेषज्ञता प्राप्त करने के बाद, मिसाइल मैन अब्दुल कलाम ने भारत को लड़ाकू विमान के क्षेत्र में भी आगे लाने का अथक प्रयास किया, और इनका यह प्रयास सफल भी हुआ। उन्हीं की वजह से आज भारत लड़ाकू विमान के क्षेत्र में भी आगे हैं।
कलाम राजू टेबलेट का आविष्कार kalam raju invention of tablet
सन 2012 में अब्दुल कलाम ने कलाम राजू टेबलेट के नाम का एक छोटा सा कंप्यूटर बनाया था। इसे उन्होंने अकेले नहीं बल्कि उनके साथी विशेषज्ञ सोमा राजू के साथ मिलकर बनाया था। इसलिए इसका नाम कलाम राजू टेबलेट पड़ा। इसे अब्दुल कलाम ने रूलर हेल्थ के लिए इनवेंट किया था। इसका मुख्य उद्देश्य था कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भी स्वास्थ्य के संबंध में उचित व्यवस्था मिल सके, और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी किसी प्रकार की समस्या ना हो।
तो यही कारण है कि हमारे भारत देश के एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है, और इनके विज्ञान के क्षेत्र में ऐसे योगदान को देखकर इसरो और D R D O की तरफ से इन्हें सन 1982 में पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
दोस्तों यहाँ पर आपने एपीजे अब्दुल कलाम कौन है उनके विज्ञान के क्षेत्र में योगदान (Contribution of APJ Abdul Kalam in field of science) आदि तथ्य पढ़े। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।
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